Edited By ,Updated: 25 Jan, 2017 02:52 PM
नोटबंदी का सबसे बुरा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है, ऐसे में रियल एस्टेट को बजट से कई उम्मीदें हैं। डेवलपर्स का मानना है कि सरकार बजट में कई ऐसी घोषणाएं कर सकती है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर पटरी पर आ जाएगा।
नई दिल्लीः नोटबंदी का सबसे बुरा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है, ऐसे में रियल एस्टेट को बजट से कई उम्मीदें हैं। डेवलपर्स का मानना है कि सरकार बजट में कई ऐसी घोषणाएं कर सकती है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर पटरी पर आ जाएगा।
रियल एस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिले
नैशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काऊंसिल (नरेडको) के प्रेसिडेंट प्रवीण जैन ने कहा कि बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स से मांग रही है कि रियल एस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाए। यदि सरकार इस बार यह घोषणा कर देती है तो सेक्टर की कई दिक्कतें अपने आप दूर हो जाएंगी। नरेडको ने कहा है कि 80सी के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट 1 लाख 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार रुपए किया जाना चाहिए। इसमें से एक लाख रुपए हाऊसिंग लोन के प्रिसिपल अमाऊंट के भुगतान के लिए रिजर्व होना चाहिए। इससे फ्लैटों की बिक्री बढ़ेगी और हाऊसिंग क्षेत्र के शेयरों को भी फायदा होगा।
इंडस्ट्री को सपोर्ट से होगा कंज्यूमर को फायदा
नरेडको चेयरमैन राजीव तलवार ने कहा कि इंडस्ट्री की प्रॉब्लम्स की वजह से कंज्यूमर्स को परेशान होना पड़ रहा है, यदि इंडस्ट्री को सपोर्ट किया जाता है तो उससे कंज्यूमर को ही फायदा होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में घरों की कीमत 50 लाख रुपए से ज्यादा हो चुकी है, सरकार को अगले बजट में इस वर्ग के लोगों के लिए टैक्स में छूट जैसी स्कीम लानी चाहिए।
कॉरपोरेट टैक्स में छूट की उम्मीद
शेल्टरेक्स डेवलपर्स के सीइओ संदीप सिंह गौड़ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बजट में यह क्लियर कर दिया जाएगा कि रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी का रेट क्या होगा, साथ ही यह भी क्लियर कर दिया जाएगा कि अफोर्डेबल हाऊसिंग के लिए टैक्स छूट क्या होगी और कॉरपोरेट टैक्स पर यदि कोई छूट दी जाती है, हम उसका स्वागत करेंगे। नोटबंदी के बाद हमें उम्मीद है कि घर खरीदने वालों को सरकार कई तरह के इन्सेंटिव देगी, जिसका रियल एस्टेट सेक्टर को बेसब्री से इंतजार है।