बजट 2018: वित्त मंत्री जेटली ने की ग्रामीण क्षेत्र को लुभाने की कोशिश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 03:44 PM

budget 2018  finance minister jaitley tries to woo rural area

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए घोषणा कि की देश में ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के साधन, कृषि और संबद्ध कार्यकलापों और ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं के निर्माण पर सरकार और अधिक धन राशि...

नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए घोषणा कि की देश में ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के साधन, कृषि और संबद्ध कार्यकलापों और ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं के निर्माण पर सरकार और अधिक धन राशि खर्च करेगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो।

बढ़ाए जाएंगे रोजगार के मौके
वर्ष 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और आधारभूत सुविधाओं के सृजन के लिए मंत्रालयों द्वारा 14.34 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें 11.98 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजटीय और गैर-बजटीय संसाधन शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि खेती से जुड़े कार्यकलापों और स्व-रोजगार के कारण रोजगार के अलावा, इस खर्च से 321 करोड़ मानव दिवस के रोजगार, 3.17 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों, 51 लाख नए ग्रामीण मकानों, 1.88 करोड़ शौचालयों का सृजन होगा। उन्होंने बताया कि इससे कृषि को प्रोत्साहन मिलने के अलावा 1.75 करोड़ नए परिवारों को बिजली के कनेक्शन प्राप्त होंगे।

प्रधानमंत्री कृषि योजना
हर खेत को पानी के अंतर्गत भू-जल सिंचाई योजना को मजबूत बनाने के लिए यह सिंचाई से वंचित 96 जिलों में शुरू होगी इसके लिए 2600 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि महिलाओं की स्व-सहायता समूह को ऋण को पिछले वर्ष के मुकाबले 37 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2016-17 में लगभग 42,500 करोड़ रुपए किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को आशा है कि मार्च 2019 तक स्व-सहायता समूहों की ऋण राशि बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपए कर दी जाएगी। 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम के आबंटन को पर्याप्त रूप से बढ़ाकर 5750 करोड़ रुपए किया गया है।

गोबर-धन योजना के शुभारंभ की घोषणा
खुले में शौच से गांवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए  वित्त मंत्री ने गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना के शुभारंभ की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा। अवसंरचना विकास, विपरीत सतह सफाई, ग्रामीण स्वच्छता आदि के लिए नमामि गंगे योजना के तहत 16,713 करोड़ रुपए की लागत से 187 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। गंगा नदी के किनारे बसे 4465 गंगा गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।

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