Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:42 PM
1 फरवरी को अरुण जेतली आम बजट पेश करेंगे। एेसे में हर सेक्टर को बजट से ढेरों उम्मीदें हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी इस साल वित्त मंत्री अरुण जेतली से काफी उम्मीदें हैं। इस सेक्टर की सबसे बड़ी जरूरत फंड की होती है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया...
नई दिल्लीः 1 फरवरी को अरुण जेतली आम बजट पेश करेंगे। एेसे में हर सेक्टर को बजट से ढेरों उम्मीदें हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी इस साल वित्त मंत्री अरुण जेतली से काफी उम्मीदें हैं। इस सेक्टर की सबसे बड़ी जरूरत फंड की होती है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई.) की मांग है कि इस साल बजट में सरकार फंडिंग को बेहतर बनाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए।
NHAI की मांग
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में फंड की जरूरत ज्यादा होती है। लिहाजा एन.एच.ए.आई. चाहता है कि पेंशन फंड और इंश्योरेंस फंड का इस्तेमाल वह अपनी परियोजनाओं में कर सके। इन दो सेक्टर का पैसा अगर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगता है तो इसकी फंड की समस्या दूर हो सकती है। एन.एच.ए.आई. चाहता है कि इस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी बढे़। उम्मीद है कि इस साल बजट में अरुण जेतली हाइवे में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स लागू कर सकते हैं।
टैक्स में हो सकता है बदलाव
मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडेशन से जुड़े 80IA में संशोधन हो सकता है। सरकार मिनिमम अल्टरेट टैक्स को खत्म कर सकती है। सेक्शन 10 (23G) के तहत इंफ्रा परियोजनाओं में पैसा लगाने वाले निवेशकों को टैक्स में छूट मिलती थी। इस साल बजट में इसे दोबारा लागू किया जा सकता है। इन बदलावों में इस सेक्टर में कैश फ्लो बढ़ेगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स घटाने की मांग
रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रिट्स) के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की होल्डिंग पीरियड 3 साल से घटाकर 1 साल करने की मांग की जा रही है। अभी तक रिट्स के निवेश में 3 साल बने रहने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। होल्डिंग पीरियड घटने पर सिर्फ एक साल बाद ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगना शुरू हो जाएगा।