बजट 2018: जानें क्या हैं रेल यात्रियों की उम्मीदें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 10:34 AM

budget 2018  learn what are the expectations of rail passengers

रेल बजट से आम जनता को अपार उम्मीदें हैं। उम्मीदों पर सरकार कितनी खरी उतरेगी ये कुछ देर में सामने होगा। बहरहाल पुरानी मांगों को ध्यान में रखकर जनता का मन पढ़ने की कोशिश करें तो उस हिसाब से हर रेल यात्री सुरक्षा को लेकर चिंतित है। बीते साल में हुए रेल...

नई दिल्लीः रेल बजट से आम जनता को अपार उम्मीदें हैं। उम्मीदों पर सरकार कितनी खरी उतरेगी ये कुछ देर में सामने होगा। बहरहाल पुरानी मांगों को ध्यान में रखकर जनता का मन पढ़ने की कोशिश करें तो उस हिसाब से हर रेल यात्री सुरक्षा को लेकर चिंतित है। बीते साल में हुए रेल हादसों से जनता डरी हुई है। ऐसे में जनता को आशा है कि इस बार सरकार रेल यात्रियों को सुविधाओं के साथ-साथ राहत भी देगी।

किराया कम हो 
रेल बजट से यात्रियों को उम्मीद है कि इस बार रेल यात्री भाड़ा कम होगा। डायनेमिक फेयर सिस्टम को भी हमेशा के लिए खत्म करने की उम्मीदें हैं। रेल किराए के फ्लेक्सी स्ट्रक्चर से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उम्मीद है कि सरकार इस साल कुछ राहत का एलान कर सकती हैं।

तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर मिले रिफंड 
रेल यात्रियों को उम्मीद है कि तत्काल टिकट को कैंसिल कराने पर रिफंड मिलना चाहिए। तत्काल बुकिंग पर लगने वाले अधिक किराए को कम किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि इस बजट में सरकार इस ओर यात्रियों को राहत दे सकती है।

वीवीआईपी कोटे की रवायत से बाहर निकले देश
रेलवे में रोजाना 60 हजार सीटें वीवीआईपी कैटेगिरी की होती है। ऐसे में यात्रियों को उम्मीद है कि वीवीआईपी कोटा रेलवे से खत्म कर दे चाहिए। आरक्षित वीवीआईपी सीटों में यात्रियों को इमरजेंसी आसानी से सीट मिल जाए। जिससे असुविधा होने पर यात्री भी इन सीटों का इस्तेमाल कर सकें। यात्रियों को उम्मीद है कि मोदी सरकार वीवीआईपी कल्चर के हमेशा खिलाफ रही है, और रेलवे में भी आरक्षित वीवीआईपी सीटों को खत्म करने को लेकर सरकार कदम उठाए।

सेफ हो रेल यात्रा
साल 2017 में रेल हादसों को देखते हुए यात्री सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। योत्रियों को बजट से उम्मीद है कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा और बुनियादी सेवाओं पर फोकस करेगी।  जनता को उम्मीद है कि इस कड़ी में पुराने कोच की जगह एलएचबी कोच लगाए जाने की घोषणा बजट में जरूर होगी।

बढ़ सकती है योजना आवंटन राशि
रेल बजट में योजना आवंटन 1.31 लाख करोड़ से बढ़कर 1.46 लाख करोड़ हो सकता है। सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) भी बढ़कर लगभग 65,000 करोड़ रुपए हो सकती है। यह बीते वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 55,000 करोड़ रुपए रही थी।

ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे
बजट में 11,000 ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए 3,000 करोड़ के बजटीय आवंटन का प्रावधान हो सकता है।
 

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