Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:42 PM
सरकार 2018-19 के वित्त वर्ष में कृषि शिक्षा, शोध और विस्तार के लिए बजट आबंटन 15 प्रतिशत बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपए कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि कृषि क्षेत्र की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर सरकार कई कदम उठा रही है। कृषि...
नई दिल्लीः सरकार 2018-19 के वित्त वर्ष में कृषि शिक्षा, शोध और विस्तार के लिए बजट आबंटन 15 प्रतिशत बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपए कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि कृषि क्षेत्र की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर सरकार कई कदम उठा रही है। कृषि अनुसंधान बजट में वृद्धि भी इसी के तहत की जाएगी।
सूत्रों ने कहा, ‘‘कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से बजट आबंटन में सालाना 10 प्रतिशत की बढ़ौतरी की जाती है। हमें उम्मीद है कि कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) को अगले वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत अधिक बजट आबंटन किया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में होगा। इससे कृषि क्षेत्र के समक्ष प्रमुख समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाएगा।
कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने की व्यापक नीति तैयार कर रही सरकार
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय चाय, कॉफी, फल और सब्जियों जैसे कृषि जिंसों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए लाजिस्टिक्स (उपस्कर) जैसे तमाम मुद्दों पर एक व्यापक नीति तैयार कर रही है। भारत कृषि जिसों का बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है तथा देश से कृषि उपजों का निर्यात करने की भारी संभावना बरकार है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए भारत के मूल्यवर्धन और वैश्विक मूल्य शृंखला में ऊपर जाने की संभावना व्यापक है। उपस्कर, प्रमाणीकरण, वस्तुओं के स्रोत का पता लगाने की सुविधा नई नीति का हिस्सा होगी।’’ अधिकारियों का मानना है कि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त आधारभूत ढांचे का होना महत्वपूर्ण है। यह पहल किसानों की आय को दोगुना करने और नियार्त बढ़ाने के उद्येश्य को पूरा करने में मदद करेगी।