Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:57 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपना अंतिम पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें उन पर अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों के साथ ही राजनीतिक जरूरतों के मद्देनजर आम लोगों को खुश करने का दबाव भी होगा। नोटबंदी...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपना अंतिम पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें उन पर अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों के साथ ही राजनीतिक जरूरतों के मद्देनजर आम लोगों को खुश करने का दबाव भी होगा। नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में आयी सुस्ती पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से भी दबाव बना है। सरकार ने जीएसटी दरों को लगातार तर्कसंगत बनाकर विनिर्माण क्षेत्र पर बने दबाव को काफी हद तक कम करने की कोशिश की है। इससे आर्थिक गतिविधियों के संकेतक पहले की तुलना में सुधरने लगे हैं। आम चुनाव से पहले के इस पूर्ण बजट में मतदाताओं विशेषकर आम लोगों और नौकरीपेशा लोगों को खुश करने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
वेतनभोगियों के लिए कर मुक्त आय की सीमा ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपए तक किए जाने का अनुमान है। इसके साथ ही आयकर कानून की धारा 80सी के तहत मिल रही छूट की सीमा को बढ़ाए जाने की संभावना जतायी जा रही है क्योंकि पिछले कुछ वर्षाें में सार्थक बढ़ोतरी नहीं हुयी है। इसके साथ ही कई संगठनों ने भी सरकार से इस छूट को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री धारा 80डी के तहत भी छूट की सीमा को 80 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर सकते हैं क्योंकि बीमा कंपनियों ने देश में चिकित्सा बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए यह मांग की है।
अभी इस धारा के तहत एक व्यक्ति को अधिकतम 55 हजार रुपये की छूट मिल सकती है जिसमें 25 हजार रुपए स्वयं के लिए और 30 हजार रुपए वृद्ध माता-पिता के चिकित्सा बीमा के लिए है। इसी तरह से वरिष्ठ नागरिक यदि स्वयं का चिकित्सा बीमा कराते हैं तो उन्हें यह 60 हजार रुपए तक छूट मिल सकती है। तीस हजार रुपये स्वयं के लिए और 30 हजार रुपए माता-पिता के बीमा के लिए। वर्तमान प्रावधानों के तहत अभी प्रति वर्ष 15 हजार रुपए चिकित्सा भुगतान कर मुक्त है। यह सीमा कई वर्ष पहले तय की गयी थी और तब से चिकित्सा सेवाए काफी महंगी हो चुकी है। इसके मद्देजनर इस वर्ष इस छूट को बढ़ाकर 25 हजार रुपए किये जाने का अनुमान है।