Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 01:05 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट तैयार कर रहे हैं, हर कोई उनसे कुछ न कुछ चाहता है। रेरा, वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट तैयार कर रहे हैं, हर कोई उनसे कुछ न कुछ चाहता है। रेरा, वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी राहतों की उम्मीद है। वर्ष 2017 रियल्टी क्षेत्र के लिए ढांचागत नीतिगत सुधारों का साल रहा। इनके कारण नए घरों की पेशकश 2016 के 1,75,822 इकाइयों से कम होकर 1,03,570 इकाइयों पर आ गई थी।
GST घटाने की मांग
रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए जमीन खरीदने के सस्ती पूंजी मुहैया कराया जाए। साथ ही रियल एस्टेट चाहता है कि बजट में जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया जाए। जी.एस.टी. लागू होने से पहले रियल एस्टेट सेक्टर में सेवा कर 4.5 प्रतिशत और मूल्यवर्धित कर एक प्रतिशत था जिससे कर की कुल दर 5.5 प्रतिशत ही होती थी। करों में कमी से उपभोक्ता के मद्देनजर वित्तीय बोझ में कमी आएगी।