Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 09:09 AM
बिल्डरों को माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के मामले में लगातार दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।
कोलकाताः बिल्डरों को माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के मामले में लगातार दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। जल्द ही बिल्डरों द्वारा जी.एस.टी. पर चीजें अधिक स्पष्ट करने के लिए जी.एस.टी. परिषद को ज्ञापन भेजा जा सकता है। बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (पूर्व) के चेयरमैन सुब्रत दास ने कहा, ‘‘हम नई कर प्रणाली का स्वागत करते हैं। हमें बदलाव की अवधि में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग को जो मुद्दे परेशान कर रहे हैं उनमें एक मुद्दा जी.एस.टी. रिटर्न के अनुपालन का भी है।’’
उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों तथा ठेकेदारों के कई साइट कार्यालय होते हैं और उन्हें एक साइट से दूसरे पर अपनी मशीनरी भेजनी पड़ती है। जी.एस.टी. कानून के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य को मशीनरी के स्थानांतरण पर आई.जी.एस.टी. लगेगा। इससे नकदी का प्रवाह प्रभावित होगा। एसोसिएशन के देशभर में 150 केंद्र है। एसोसिएशन देश के विभिन्न हिस्सों में जी.एस.टी. पर कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है।