बिल्डरों ने निवेशकों का पैसा किया इधर-उधर, मामला दर्ज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 08:57 AM

builders made money of investors here on the case

नोएडा के विभिन्न सैक्टरों में आम आदमी के घर के सपने को साकार करके देने वाले 11 बिल्डरों की ऑडिट रिपोर्ट में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्राधिकरण ने नोएडा के 14 बिल्डरों के ऑडिट जांच की थी, जिसके लिए प्राधिकरण...

नई दिल्ली: नोएडा के विभिन्न सैक्टरों में आम आदमी के घर के सपने को साकार करके देने वाले 11 बिल्डरों की ऑडिट रिपोर्ट में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्राधिकरण ने नोएडा के 14 बिल्डरों के ऑडिट जांच की थी, जिसके लिए प्राधिकरण ने एम.एन.सी. कम्पनी करी एंड ब्राऊन इंडिया से अनुबंध किया था। 

कम्पनी ने अपनी ऑडिट पूरी कर रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है। इसमें ऐसे 11 बिल्डरों की गड़बड़ी सामने आई है, जिन्होंने बायर्स का पैसा प्रोजैक्ट में न लगाकर डायवर्ट कर अन्य प्रोजैक्ट्स में लगा दिया। इसके चलते प्राधिकरण ने इन बिल्डरों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। प्राधिकरण द्वारा पहले चरण में 14 बिल्डर के 36,000 फ्लैट का ऑडिट कराया गया है। कम्पनी ने ऑडिट रिपोर्ट करीब 45 दिनों में प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष पेश की है। इसमें 11 बिल्डरों द्वारा प्रोजैक्ट का पैसा कहीं और डायवर्ट करने की बात सामने आई है। साथ ही इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की बकाया राशि भी वर्तमान तक जमा नहीं कराई है, जिसके चलते प्राधिकरण द्वारा इन सभी बिल्डरों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। 

प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक जिन बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है उन्होंने करीब 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है, जिसके चलते बायर्स द्वारा पैसा जमा करने के बाद भी उन्हें घर नहीं मिल सका है। वहीं प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो अभी और भी बिल्डरों का ऑडिट बाकी है और जो भी बिल्डर गड़बड़ी कर रहा है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

नोएडा में चल रहे हैं 94 प्रोजैक्ट 
शहर में करीब 94 बिल्डर प्रोजैक्ट चल रहे हैं, जिसमें आम आदमी ने एक घर का सपना साकार करने के लिए बिल्डर के पास किस्तों में पूरी रकम बैंक लोन व अन्य कर्ज लेकर जमा की थी। वहीं कई लोगों ने अपने पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई भी बिल्डरों को फ्लैट के लिए दे रखी है। पूरी रकम जमा करने के बाद भी फ्लैट न मिलने पर अब शहर के हजारों बायर्स रोज शासन व प्रशासन से घर दिलाने की मांग कर रहे हैं। वहीं कई बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जिसके चलते आए दिन बायर्स बिल्डरों पर पैसों का गबन करने और उनका पैसा दूसरे प्रोजैक्ट्स में लगाने का आरोप लगा रहे हैं। 

इन बिल्डरों को जारी हुआ नोटिस
-लॉजिक्स सिटी डिवैल्पर्स प्रा.लि., सैक्टर 147 स्थित ब्लॉस्म जैस्ट।
-यूनिटैक लि. सैक्टर 117 स्थित यूनीहोम्स
-रैडफोर्ट जहांगीर प्रापर्टीज प्रा.लि. 
-थ्री सी प्रोजैक्टस प्रा.लि. सैक्टर 168 स्थित लोट्स जिंग
-ग्रेनाइट गेट प्रापर्टीज प्रा.लि. सैक्टर 110 स्थित लोट्स पिनाचे
-मार्डेनिया एम्स डिवैल्पर्स प्रा.लि. सैक्टर 46 स्थित मार्डेनिया ग्लोरी
-यूनिटैक एकैसिया प्रोजैक्ट प्रा.लि. सैक्टर 97 स्थित एक्सप्रैस सिटी एवं सैक्टर 98 स्थित गोल्फ सिटी
-लॉजिक्स इंंफ्राटैक प्रा.लि. सैक्टर 93 बी स्थित ओमैक्स स्पा, ओमैक्स हैरीटेज, ग्रैंड कोर्ट्स, ग्रैंड वुड्स
-पैब्बल्स प्रोलीज प्रा.लि. सैक्टर 107 स्थित हार्ट बीट सिटी 
-यूनिटैक सैक्टर 144 स्थित प्रोजैक्ट के लिए 
-सैक्टर 100 स्थित लोटस बुलिवर्ड 
 

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