Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 04:07 PM
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर इम्पोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) लगाकर ट्रेड वार का एलान कर दिया है। ट्रंप के इस फैसले का असर भारतीय कंपनियों पर भी पड़ेगा, जिससे उनकी आमदन पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं इसकी जवाबी कार्रवाई में...
नई दिल्लीः अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर इम्पोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) लगाकर ट्रेड वार का एलान कर दिया है। ट्रंप के इस फैसले का असर भारतीय कंपनियों पर भी पड़ेगा, जिससे उनकी आमदन पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं इसकी जवाबी कार्रवाई में भारत अगर कोई कदम उठाता है तो आपके पसंदीदा बर्गर-पिज्जा महंगे हो जाएंगे। ट्रंप ने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है।
कई कंपनियां होंगी प्रभावित
ट्रंप के इस फैसले से अमरीका में भारत के स्टील और एल्युमीनियम की मांग कम हो जाएगी क्योंकि भारत का निर्यात पहले ही घाटे में जा रहा है। ट्रंप के इस सख्त कदम के जवाब में भारतीय कंपनियों ने भी अमरीकी कंपनियों पर टैक्स बढ़ाने का मांग की है। मौजूदा समय में भारत में मैकडोनाल्ड और पिज्जा हट समेत कई अमरीकी कंपनियां भारत में करोड़ों का कारोबार करती हैं। अगर मोदी सरकार ट्रंप के फैसले के खिलाफ कदम उठाती हैं तो भारत मैकडोनाल्ड, पिज्जा हट जैसी कंपनियों पर जवाबी टैक्स लगा सकता है, जिस कारण बर्गर-पिज्जा महंगे हो जाएंगे। इस समय मैकडोनाल्ड और पिज्जा हट के अलावा कोका कोला और पेप्सिको का भी भारत के खाने-पीने के बाजार पर बड़ा कब्जा है। यह कंपनियां अपने समान का एक हिस्सा देश से बाहर आयात करती हैं यानि अगर मोदी सरकार जवाबी कार्रवाई में आयात शुल्क लगा देती है तो इन कंपनियों का कारोबार काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।
ये समान भी होंगे महंगे
मोदी सरकार की जवाबी कार्रवाई से अमरीका का अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा। इससे भारत में जिलेट कंपनी के शेविंग ब्लेड का समान, इंटेल कंपनी के कंप्यूटर और मोबाइल से जुडे़ समान, जॉनसन एंड जॉनसन के प्रॉडक्ट कापी महंगे हो जाएंगे। इसका असर सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पर भी पड़ेगा। वहीं व्हर्लपूल कंपनी के इलेक्ट्रोनिक समान भी महंगे हो जाएंगे। फिलहाल भारत ने ट्रंप की ड्यूटी के जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। भारत ने कहा है कि वह अभी स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाकर घरेलू कंपनियों पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए अमेरिकी अधिसूचना की प्रतीक्षा कर रहा है।