Edited By ,Updated: 06 Apr, 2017 01:55 PM
रेलवे के किरायों को घटाने या बढ़ाने का काम अब रेल मंत्री के हाथ नहीं होगा बल्कि इसका निर्धारण अब रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी करेगी।
नई दिल्ली: रेलवे के किरायों को घटाने या बढ़ाने का काम अब रेल मंत्री के हाथ नहीं होगा बल्कि इसका निर्धारण अब रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी करेगी। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से उस रेल विकास प्राधिकरण (आरडीए) के गठन को मंजूरी दी गई है, जो जल्द ही रेल किराया-भाड़े के अलावा रेल सेवाओं की गुणवत्ता का मानक तय करेगा। इसके साथ ही आरडीए रेलवे तथा ग्राहकों बीच कीमत व प्रतिस्पर्द्धा संबंधी मसलों का भी समाधान करेगा। रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी को भारतीय रेलवे में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आरडीए बनने के साथ ही रेलवे में सेवाओं की स्थिति बेहतर होगी और साथ ही इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
आरडीए एक स्वतंत्र नियामक होगा जिसमें अध्यक्ष के अलावा तीन अलग-अलग क्षेत्रों के तीन विशेषज्ञ सदस्य के रूप में लिए जाएंगे। इनका कार्यकाल पांच साल का होगा। अध्यक्ष की नियुक्ति निजी क्षेत्र से भी की जा सकती है, जिसका चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। इसका गठन 50 करोड़ रुपए के कोष के साथ होगा। इसके अलावा उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और साथ ही साथ नॉन फेयर रेवेन्यू को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर सुझाव देना इसका काम होगा।
वर्ष 2015-16 के रेल बजट में रेल मंत्री ने ऐलान किया था कि रेलवे में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए स्वतंत्र रेगुलेटर की जरूरत है. बजट में इस बात का उल्लेख किया गया था कि यह रेगुलेटर रेल किरायों को निर्धारित करेगा और साथ ही रेलवे के प्रदर्शन का मानक निर्धारित करेगा। रेलमंत्री सुरेश प्रभु आज पहले इस पर संसद में बयान देंगे और फिर प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे।
रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रमुख काम
-अथॉरिटी किराया/टैरिफ तय करेगी
-निवेश के समान अवसर उपलब्धक कराएगी
-रेलवे की क्षमता तथा प्रदर्शन में सुधार करेगी
-सूचना का प्रचार-प्रसार करेगी