CAG का आरोप, टेलिकॉम कंपनियों रेवेन्यू कम दिखा लगाया चूना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 05:32 PM

cag blamed  telecom companies leaned on showing low revenues

कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) ने कहा है कि भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सहित देश की प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों ने

नई दिल्लीः कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) ने कहा है कि भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सहित देश की प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों ने फाइनेंशियल ईयर 2010-11 से 2014-15 के बीच रेवेन्यू 61,064.5 करोड़ रुपए कम दिखाया है। इस वजह से सरकार को 7,697.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसका सीएजी ने शॉर्ट पेमेंट के तौर पर उल्लेख किया है।

सीएजी ने संसद में रखी रिपोर्ट  
सीएजी ने शुक्रवार को संसद में रखी अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसके ऑडिट से संकेत मिला, छह बड़े ऑपरेटर्स ने अपना एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) 61,064.5 करोड़ रुपए कम दिखाया। 2010 से 2015 के बीच 5 फाइनेंशियल ईयर का यह ऑडिट पांच ऑपरेटर्स भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर, रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल से संबंधित है,दूसरी तरफ सिस्तेमा श्याम की बात करें तो उसके लिए विंडो 2006-07 से 2014-15 के लिए थी।

सरकार को मिले 7697 करोड़ रुपए कम  
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया,भारत सरकार को रेवेन्यू शेयरिंग के क्रम में सरकार को 7,697.62 करोड़ रुपए का शॉर्ट पेमेंट हुआ।इसमें कहा गया, रेवेन्यू शेयरिंग में कमी के कारण मार्च 2016 तक कंपनियों पर 4,531.62 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट बकाया था।

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