Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 05:49 PM
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए) की हैंडलिंग और रीकैपिटलाइजेशन के मसले पर सरकार और पब्लिक सेक्टर
नई दिल्लीः कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए) की हैंडलिंग और रीकैपिटलाइजेशन के मसले पर सरकार और पब्लिक सेक्टर के बैंकों की खिंचाई की है। सीएजी ने कहा कि बैंकों को कैपिटल देने के मामले में खासी गड़बड़ियां की गई हैं। साथ ही पीएसयू बैंकों की बुक वैल्यू और मार्केट वैल्यू में खासा अंतर है। सरकारी ऑडिटर द्वारा संसद में रखी गई रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। इसके साथ ही बैंकों ने एनपीए की तुलना में सही प्रोविजनिंग नहीं की। कैपिटल जुटाने के लिए नियमों की अनदेखी की गई। सीएजी ने कहा कि कॉरपोरेशन बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को जरूरत से ज्यादा पूंजी दी गई।