कैग ने रेलवे के खातों में गंभीर गलतियों का उल्लेख किया

Edited By ,Updated: 12 Mar, 2017 05:59 PM

cag flags glaring errors in railways accounts

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे के लेखा अधिकारियों की आेर से ‘गंभीर खामियों’ का उल्लेख किया है। इस वजह से रेलवे के लेखे जेखो में गलत वर्गीकरण और दूसरी गलतियों के कई मामले सामने आए हैं।

नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे के लेखा अधिकारियों की आेर से ‘गंभीर खामियों’ का उल्लेख किया है। इस वजह से रेलवे के लेखे जेखो में गलत वर्गीकरण और दूसरी गलतियों के कई मामले सामने आए हैं। रेलवे द्वारा इन गलतियों को सुधारने के कई आश्वासनों के बाद भी कैग ने 2010-11 से 2014-15 के दौरान उसके खातों में गलत वर्गीकरण के कई मामले पाए हैं। गलत वर्गीकरण से तात्पर्य गलत मद में आय या व्यय वर्गीकरण से है। 

लेखों में गलतियों में लेनदेन का लेखा नहीं करना, खातों में देरी से समायोजना और कुछ गैर अधिकृत मदों को दर्शाना है। अपनी ताजा रिपोर्ट में कैग ने लोक लेखा समिति (पीएसी) के निष्कर्षों का भी जिक्र किया है जिसमें बार-बार इन गलतियों पर आपत्ति जताई गई है। पीएसी की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कैग ने कहा है कि रेलवे को गलत वर्गीकरण के मामलों को नीचे लाने के लिए तंत्र बनाया चाहिए, क्योंकि ये न केवल लेखा प्रणाली में खामियों को दर्शाते हैं बल्कि लेखा अधिकारियों की आेर से गंभीर लापरवाही को भी दिखाते हैं।   

समीक्षा के दौरान कैग ने व्यय की गलत गणना के 64 मामलों का जिक्र किया है। इन मामलों में 53.47 करोड़ रुपए की राशि शामिल है। इसे रेलवे ने स्वीकार भी किया है। इसी तरह 11 जोनल रेलवे द्वारा 66 अनियमित समायोजन के मामले भी सामने आए हैं। इनमें 1,431.05 करोड़ रुपए की राशि शामिल है। रेलवे ने इसे भी माना है।

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