Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 11:19 AM
जी.एस.टी. परिषद बैठक से एक दिन पहले छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने 28 प्रतिशत कर दायरे में रखी गई वस्तुओं की पुनर्समीक्षा की मांग की है और कहा है
नई दिल्लीः जी.एस.टी. परिषद बैठक से एक दिन पहले छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने 28 प्रतिशत कर दायरे में रखी गई वस्तुओं की पुनर्समीक्षा की मांग की है और कहा है कि इसे सिर्फ विलासी वस्तुओं पर ही लगाया जाना चाहिए। वित्त मंत्री अरुण जेतली की अध्यक्षता वाली पूर्ण अधिकार प्राप्त जी.एस.टी. परिषद की कल लॉटरी पर कर की दर और ई-वे से संबंधित नियम बनाने और मुनाफावसूली रोधी कदम तय करने के लिए बैठक करेगी। इस परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।
कैट ने एक बयान में माल एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के तहत 28 प्रतिशत की कर दायरे में रखी गई वस्तुओं के वर्गीकरण पर सवाल उठाया है। उसने जेतली से इन वस्तुओं की पुनर्समीक्षा की मांग की है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कर की यह दर व्यापारियों के बीच व्याकुलता का प्रमुख कारण बन गई है जो पिछले दो दिन से हड़ताल पर हैं और इन वस्तुओं को संबंधित निचली दरों के तहत रखने की मांग कर रहे हैं। कैट का कहना है कि इस कर दर को केवल विलासी वस्तुओं पर लगाया जाना चाहिए।