Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 11:44 AM
सरकार ने उद्योग जगत से जी.एस.टी. दर में की गई कमी के लाभों को उपभोक्ताओं को देने की अपील करते हुए कहा कि दरों में की गई कमी से घरेलू मांग बढ़ने के साथ ही निवेश में तेजी आने का अनुमान है।
नई दिल्लीः सरकार ने उद्योग जगत से जी.एस.टी. दर में की गई कमी के लाभों को उपभोक्ताओं को देने की अपील करते हुए कहा कि दरों में की गई कमी से घरेलू मांग बढ़ने के साथ ही निवेश में तेजी आने का अनुमान है।
केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनाजा एन सरना ने रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुयें बनाने वाली कंपनियों को इस संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि जिन वस्तुओं की जी.एस.टी. दर में कमी की गई है उसके अनुरूप अधिकतम खुदरा मूल्य में तत्काल कमी किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी कंपनियों से उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य संशोधित करने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पहले की गई अपील के अनुरूप उद्योग को यथाशीघ्र पहल करना चाहिए।
जी.एस.टी. परिषद की गत 10 नवंबर को गुवाहाटी में हुई 23वीं बैठक में कुल मिलाकर 213 वस्तुओं पर जी.एस.टी. दर को कम करने का निर्णय लिया गया था जो 15 नवंबर से प्रभावी हो चुका है। इनमें से 178 वस्तुओं पर जी.एस.टी. दर को 28 फीसदी से कम कर 18 फीसदी किया गया था। इसी तरह से कुछ वस्तुओं को 18प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत, कुछ को 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत में और कुछ वस्तुओं को पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत के दायरे में किया गया था।