Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 02:51 PM
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में केंद्र सरकार का आम बजट पेश किया। यह बजट इसलिए खास है क्योंकि इसे जीएसटी के बाद पेश किया गया है और यह मोदी सरकार का आखिरी बजट है। देश में कई अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू...
नई दिल्लीः वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में केंद्र सरकार का आम बजट पेश किया। यह बजट इसलिए खास है क्योंकि इसे जीएसटी के बाद पेश किया गया है और यह मोदी सरकार का आखिरी बजट है। देश में कई अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने के चलते केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है।
बोर्ड का मुख्य काम
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि नाम बदलने के लिए कानून में जरुरी प्रावधान और संशोधनों का वित्त विधेयक में प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक हिस्सा है। यह लेवी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सीमा शुल्क की वसूली से संबंधित नीतियां तैयार करता है। साथ ही सीबीईसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्रशासन से संबंधित तस्करी की रोकथाम और सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नारकोटिक्स से संबंधित मामले देखता है। बोर्ड कस्टम हाऊसेज, केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालय और केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला सहित अपने अधीनस्थ संगठनों का प्रशासनिक प्राधिकरण है। अध्यक्ष, जो कि भारत सरकार के पदेन विशेष सचिव होते हैं, सीबीईसी का प्रमुख होता है। इसके अलावा, सीबीईसी में पांच सदस्य होते हैं, जो भारत सरकार के पदेन अपर सचिव होते हैं।