सरकार ने दिए निर्देश, हर सांसद को खोलने होंगे अपने क्षेत्र में 5 जन औषधि सेंटर

Edited By ,Updated: 14 Nov, 2016 04:55 PM

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इस वित्त वर्ष के अंत तक 3000 जनऔषधि सेंटर खोलने के टार्गेट से पिछड़ रही केंद्र सरकार ने अब सांसदों को भी इसे पूरा करवाने का जिम्मा दिया है।

नई दिल्लीः इस वित्त वर्ष के अंत तक 3000 जनऔषधि सेंटर खोलने के टार्गेट से पिछड़ रही केंद्र सरकार ने अब सांसदों को भी इसे पूरा करवाने का जिम्मा दिया है। सरकार ने लेटर लिखकर कहा है कि हर सांसद अपने-अपने क्षेत्र में मार्च, 2017 तक कम से कम 5 जन औषधि सेंटर जरूर खुलवाए। मार्च तक देश में 3000 जनऔषधि सेंटर खोले जाने हैं लेकिन अबतक सिर्फ 483 सेंटर ही खुल पाए हैं। जनऔषधि स्कीम के तहत सरकार सभी को सस्ती दवाइयां मुहैया कराना चाहती है। 

सिर्फ 250 सेंटर ही खुले
सरकार ने इस वित्त वर्ष 3000 जनऔषधि स्टोर खोलने की बात कही थी लेकिन तकरीबन 6 माह बीत जाने के बाद भी सिर्फ 250 नए सेंटर ही खुल पाए हैं। योजना से पीछे रह गई सरकार को योजना के फ्लॉप होने के डर से कई तरह से आगे बढ़ाने पर काम कर रही है। इनमें सेंटर खोलने वालों को वित्तीय सपोर्ट बढ़ाने से लेकर उनका कमिशन बढ़ाना शामिल था। दवाइयों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई ड्रग कंपनियों को पार्टनर बनाया गया। मल्टीनैशनल कंपनियों को भी प्रॉक्योरमेंट में शामिल किया गया। 

अब तक सिर्फ 483 सेंटर 
डिपार्टमेंट ऑफ फॉर्मास्युटिकल्स के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि योजना को आगे बढ़ाने के लिए कई राज्यों से भी बात की गई है और कुछ के साथ ओएमयू साइन किया गया है। इसी के तहत दिसंबर के अंत तक कर्नाटक में 200 जन औषधि स्टोर और आंध्र प्रदेश में 100 स्टोर खुल जाएंगे। मौजूदा समय में 26 राज्यों में 483 जन औशधि स्टोर चल रहे हैं। सबसे ज्यादा 108 स्टोर छत्तीसगढ़ में खुले हैं। यूपी में 75 स्टोर खुले हें। इसके अलावा केरल में 40,  महाराष्‍ट्र में 35, ओडिशा में 25 और पंजाब में 23 स्टोर चल रहे हैं। गुजरात में 17, एमपी व जे एंड के में 13 और झारखंड में 12 स्टोर हैं।  

डिस्ट्रीब्यूटर भी नहीं मिल रहे हैं
जन औषधि सेंटर्स पर दवाइयों की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए सरकार ने 19 राज्यों में डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के लिए आवेदन मांगे थे लेकिन इसमें भी लोगों ने ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाया। सरकार की योजना है कि हर 20 जन औषधि केंद्र पर एक डिस्ट्रीब्यूटर जरूर हो। इस लिहाज से 150 डिस्ट्रीब्यूटर की जरूरत होगी। हालांकि, इसके लिए भी नियमों में कुछ छूट देकर नए सिरे से आवेदन मंगाए गए हैं।

ये उपाय भी नहीं आए काम 
जन औषधि स्टोर खुलवाने का काम देख रहे ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पीएसयू ऑफ इंडिया के अधिकारियों की जिम्मेदारी और बढ़ा गई हैै। अब उन्हें टारगेट पूरा करने तक शनिवार को भी काम करने को कहा गया है। हालांकि, इसके बदले सरकार की ओर से अतिरिक्त पेमेंट किया जाएगा। जन औषधि सेंटर को प्रमोट करने के लिए सरकार ने अपनी ओर से कई उपाय किए लेकिन लोगों में खास दिलचस्पी नहीं दिखी। स्टोर खोलने पर दिए जाने वाला इंसेटिव और दुकानदारों का कमिशन बढ़ा दिया है। इंसेटिव सबके लिए बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए और कमिशन कुल सेल का 20 फीसदी कर दिया गया है। पहले कमिशन 15 फीसदी था और आम लोगों को मिलने वाला इंसेटिव 1.5 लाख रुपए था। इन उपायों के बाद भी रिटले स्टोर खोलने में ज्यादा लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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