जमीन पर चीन का विरोध, पर केंद्र सरकार चीनी कंपनियों पर मेहरबान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 10:34 AM

central government is happy with chinese companies

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके अग्रणी संगठनों द्वारा किए जा रहे चीनी सामान के विरोध के बीच केंद्र की भाजपा सरकार ....

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके अग्रणी संगठनों द्वारा किए जा रहे चीनी सामान के विरोध के बीच केंद्र की भाजपा सरकार ने चीन की मोबाइल कंपनी ओप्पो को सिंगल ब्रांड रिटेल के लिए मंजूरी दे दी है। कंपनी को यह मंजूरी आवेदन करने के 15 महीने बाद मिली है। कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में पिछले साल जून में बदलाव किए जाने के बाद भारत में सीधे तौर पर शोरूम खोल कर मोबाइल की बिक्री करने के लिए निवेश हेतु आवेदन किया था। ओप्पो की इस अर्जी के बाद सरकार ने लम्बे सोच-विचार के बाद आखिर इस चीनी कंपनी को निवेश की मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ओप्पो भारत में कितना निवेश करेगी।
PunjabKesari
देश में स्मार्टफोन बेचने वाली चौथी बड़ी कंपनी Oppo
निवेश को मंजूरी मिलने के बाद कंपनी भारत में ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों माध्यमों से सीधे उपभोक्ताओं को फोन बेच सकेगी। फिलहाल कंपनी भारत में अपने फोन बेचने के लिए होलसेल रिटेल रूट का इस्तेमाल करती है और कंपनी ने अपने उत्पादन बेचने के लिए फ्रैंचाइजी व डिस्ट्रीब्यूटर माडल अपनाया हुआ है। इंटरनैशनल डाटा कार्पोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून की तिमाही तक ओप्पो देश में स्मार्टफोन बेचने वाली चौथी बड़ी कंपनी है। विदेशी निवेश के नियमों के तहत कोई भी कंपनी ऑटोमैटिक रूट के जरिए 49 प्रतिशत तक का निवेश कर सकती है जबकि सरकार की मंजूरी के बाद यह निवेश 100 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि जहां विदेशी निवेश 51 प्रतिशत से ज्यादा है वहां पर कंपनियों के लिए भारत में निर्मित किए जाने वाले सामान हेतु 30 प्रतिशत पुर्जे भारत के छोटे एवं मध्यम उद्योगों से लिए जाने की शर्त है। ओप्पो पर यह शर्त लागू हो पाएगी या नहीं यह फिलहाल साफ नहीं है क्योंकि अभी तक कंपनी द्वारा भारत में किए जाने वाले कुल निवेश का आंकड़ा सामने नहीं आया है।

मोबाइल फोन निर्माण बढ़ाना चाहती है ओप्पो 
ओप्पो का फिलहाल नोएडा में असैंबली यूनिट है और कंपनी ने जुलाई, 2016 में इस यूनिट से स्मार्टफोन का निर्माण शुरू किया था। कंपनी इस यूनिट की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ मोबाइल फोन निर्माण भी बढ़ाना चाहती है। कंपनी का इरादा देश में बनाए जाने वाले फोन को भारत में बेचने के अलावा विदेशों में भी भारत से निर्यात करने का है। ओप्पो के अलावा अंडरगार्मैंट के ब्रांड जिव्वामे, गिफ्ट के ब्रांड चुंबक और स्वीडन की घड़ी निर्माता कंपनी डैनियल वैल्गिंटन ए.बी. की भारत में विदेशी निवेश अर्जी को भी मंजूरी दी गई है। चुंबक भारत में 6.62 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा जबकि स्वीडन की घड़ी निर्माता कंपनी डैनियल वैल्गिंटन ए.बी. को 10 मिलियन डॉलर के विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है।
PunjabKesari
एेपल को रियायत दे सकती है सरकार
आईफोन कंपनी एेपल ने भारत में अपनी विनिर्माण इकाई लगाने के लिए कुछ रियायतें मांगी हैं जिन पर सरकार विचार कर रही है। औद्योगिक नीति एवं संवद्र्धन विभाग (डी.आई.पी.पी.) के सचिव रमेश अभिषेक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में पहले से 90 फोन कंपनियां हैंडसैटों का विनिर्माण कर रही हैं। एप्पल के निवेश प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर अभिषेक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे यहां कुछ रियायतें चाहते हैं। सरकार उन पर विचार कर रही है। हालांकि देश में पहले से 90 विनिर्माता यहां हैंडसैट बना रहे हैं। इस लिहाज से मेक इन इंडिया मजबूती से आगे बढ़ रहा है।’’ इससे पहले तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च में राज्यसभा को सूचित किया था कि सरकार ने आईफोन कंपनी एेपल की अधिकतर मांगों को स्वीकार नहीं किया है जो यहां विनिर्माण इकाई लगाना चाहती है। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!