Edited By ,Updated: 11 Feb, 2017 01:32 PM
अगर अाप कार खरीदने की सोच रहे हैं तो यह अापके लिए सबसे बेहतरीन समय साबित हो सकता है।
नई दिल्लीः अगर अाप कार खरीदने की सोच रहे हैं तो यह अापके लिए सबसे बेहतरीन समय साबित हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इस समय वीइकल फाइनैंस रेट पिछले 10 सालों में सबसे निचले स्तर पर हैं। जनवरी में की गई दरों में कमी के बाद, ब्याज दरें 8.75 पर्सेंट तक नीचे चली गई हैं। यहां तक कि सस्ते और लोकप्रिय मॉडल भी 9.75-10 पर्सेंट की रेंज में उपलब्ध हैं। इन सबका मतलब यह है कि ऑटो फाइनैंस में ब्याज दरें जनवरी 2006 के स्तर पर आ चुके हैं।
ब्याज दरों में हुई कमी
जनवरी 2006 में ब्याज दरें बी-सेगमेंट के लिए 10-10.25 फीसदी, बड़ी मिड साइज सिडान के लिए 9.5-10 फीसदी के स्तर पर थीं। लेकिन 2007 के मध्य तक यह ब्याज दरें बढ़ कर 14.75 फीसदी के स्तर तक पहुंच गई थीं। इसका अर्थ यह हुआ कि केवल 12 महीने में ही ब्याज दरों में 5 फीसदी तक बढ़ गईं। अगले दो सालों तक दरें स्थिर रहीं और फरवरी 2011 में वीइकल टाइप और लोन के समय के हिसाब से ब्याज दरें 11.5 से 13.5 फीसदी के बीच रहीं। यह दरें अगले 19 महीने में सितंबर 2013 तक डाउन पेमेंट, लोन अमाउंट और क्रेडिट हिस्ट्री आधार पर 10.5-11.5 फीसदी के बीच थी।
हर सेगमेंट के लिए अलग-अलग ब्याज दरें
एक ही साल के अंदर सितंबर 2014 में मार्कीट में कॉम्पिटिशन के चलते बैंक ब्याज दरों की निचली दर को 10 फीसदी तक कम हो चुका था जबकि कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां ब्याज दरें 9.25 फीसदी के स्तर तक ले आईं। अगले साल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती करने के बाद, सितंबर 2015 में वीइकल लोन की ब्याज दरें एंट्री लेवल के लिए 11-11.25 फीसदी, बी-सेगमेंट कारों के लिए 10.5 फीसदी, सी-सेगमेंट के लिए 10.25 फीसदी और प्रीमियम कारों के 10 फीसदी के स्तर तक आ गईं।