Edited By ,Updated: 15 Mar, 2017 09:44 AM
अब आपके हैल्थ इंश्योरैंस का प्रीमियम आपके शहर के हिसाब से तय हो सकता है।
नई दिल्ली: अब आपके हैल्थ इंश्योरैंस का प्रीमियम आपके शहर के हिसाब से तय हो सकता है। इंश्योरैंस रैगुलेटर इंश्योरैंस रैगुलेटरी एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (इरडा) ने कंपनियों को ऐसे प्रोडक्ट लाने का प्रस्ताव दिया है जिनमें छोटे शहरों के लोगों के लिए प्रीमियम कम हो।
इरडा मानती है कि छोटे शहरों में इलाज का खर्च कम होता है इसलिए वहां हैल्थ इंश्योरैंस पॉलिसी का प्रीमियम भी कम होना चाहिए। कंपनियों को लोकेशन ड्रिवन प्राइसिंग यानी जगह के हिसाब से पॉलिसी की कीमत तय करनी चाहिए। इरडा ने कहा है कि कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट्स लाएं तो उसका समर्थन किया जाएगा।
री-स्ट्रक्चरिंग में सामने आएंगे बहुत पेंच
अब सवाल यह है कि क्या शहर के बेस पर प्रीमियम तय करने की छूट का बीमा कंपनियां गलत इस्तेमाल नहीं करेंगी। लोकेशन बेस्ड प्राइसिंग में दिक्कत सिर्फ इसके गलत इस्तेमाल की नहीं है। छोटे शहर के लोग भी इलाज के लिए बड़े शहर में आते हैं। क्या प्रीमियम कम रखकर भी इलाज के लिए कहीं भी जाने की छूट होगी। हैल्थ पॉलिसी की ऐसी री-स्ट्रक्चरिंग में अभी बहुत पेंच सामने आएंगे।
जनरल इंश्योरैंस कम्पनियां बढ़ा सकती हैं प्रीमियम दरें
जहां एक तरफ इरडा इंश्योरैंस कंपनियों को लोकेशन ड्रिवन प्राइसिंग लाने का प्रस्ताव दिया है वहीं दूसरी तरफ जनरल इंश्योरैंस कम्पनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 पर्सैंट तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। ब्याज दरें घटने से इन कम्पनियों की इन्वैस्टमैंट इन्कम भी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही इरडा भी मोटर व्हीकल थर्ड पार्टी इंश्योरैंस तथा ग्रुप हैल्थ इंश्योरैंस जैसे क्षेत्रों में पहली अप्रैल से प्रीमियम की दरें बढ़ाए जाने का संकेत दे चुकी है।