GST के मद्देनजर वाणिज्य मंत्रालय करेगा विदेश व्यापार नीति में कुछ बदलाव

Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 12:00 PM

commerce ministry will make some changes in foreign trade policy

वाणिज्य मंत्रालय विदेश व्यापार नीति (एफ.टी.पी.) को सेवा एवं माल कर (जी.एस.टी.) के अनुरूप ढालने के लिए उसके कुछ खास ...

नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय विदेश व्यापार नीति (एफ.टी.पी.) को सेवा एवं माल कर (जी.एस.टी.) के अनुरूप ढालने के लिए उसके कुछ खास हिस्सों में तब्दीली करेगा। सरकार ने एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर लागू करने का लक्ष्य रखा है जिसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्यों के वैट एवं प्रवेश शुल्क तथा कई अन्य कर समाहित हो जाएंगे।

इन विषयों पर हो सकता है विचार
मंत्रालय ने जी.एस.टी. शुरू होने के कुछ महीने पहले विदेश व्यापार नीति (एफ.टी.ए.) की अर्धवार्षिक समीक्षा का भी प्रस्ताव रखा है। पंचवर्षीय व्यापार नीति (2015-20) वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन एवं मूल्य वर्धन के लिए ढांचा प्रदान करती है। एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा सितंबर तक समीक्षा पूरा करने की संभावना थी लेकिन चूंकि जी.एस.टी. 1 जुलाई से लागू हो रहा है और हमें उसमें कुछ तब्दीली करनी होगी तथा पहले ही समीक्षा पूरा करना होगा। जी.एस.टी. के मद्देनजर मंत्रालय को निर्यातकों को रियायत, ड्यूटी छूट योजनाओं, निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान योजना और मान्य निर्यातों से जुड़े विषयों में बदलाव करना पड़ सकता है। 
 

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