Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 04:32 PM
वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन 11 प्रतिशत बढ़कर 52,295 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। पिछले साल यह बजट 47353 करोड़ रुपए का था, जो वर्ष 2016-17 के मुकबले 24 फीसदी अधिक था। स्वास्थ्य बजट को लेकर सरकार का रुख साफ है,...
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन 11 प्रतिशत बढ़कर 52,295 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। पिछले साल यह बजट 47353 करोड़ रुपए का था, जो वर्ष 2016-17 के मुकबले 24 फीसदी अधिक था। स्वास्थ्य बजट को लेकर सरकार का रुख साफ है, पिछले दो साल में 24 फीसदी का इजाफा साफ दिखाता है कि सरकार लोगों की सेहत को लेकर काफी सतर्क है। लेकिन, यह बहुत थोड़ा और जरूरत ज्यादा है। क्योंकि, बजट की एवज में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बढ़ीं।
हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार का फोकस लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने पर होना चाहिए। सेक्टर की सेहत इतनी खराब है कि जितना बजट आवंटित होगा वह भी कम है। क्योंकि, आकंड़े दिखाते हैं कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी है। ऑपरेशन थिएटर नहीं हैं। ऐसे में ज्यादा जरूरी है कि बजट का आवंटन करने के बाद खर्च कहां और कैसे हो यह सुनिश्चित किया जाए। बजट में इस बार हेल्थ सब सेंटर को मॉडर्न अवतार देनें का फैसला मुमकिन है जिसके तहत ये सब सेंटर डॉक्टर, नर्स, दवा और जांच सुविधाओं से लैस होंगे। सभी को सरकारी अस्पतालों में हेपटाइटिस बी का टीका मुफ़्त लगाने का भी प्रवधान हो सकता है।