GST पर कंपनियां नहीं काट सकेगी जेब, नजर रखने के लिए बनाई अथॉरिटी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 04:25 PM

companies will not be able to cut pockets on gst created authority to monitor

नई दिल्लीः सरकार ने जी.एस.टी की नई दरों का फायदा आम आदमी तक पहुंचाने और मुनाफाखोरी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने मुनाफा विरोधी अथॉरिटी को स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है। इससे आम लोगों तक जी.एस.टी. के घटे रेट का फायदा नहीं पहुंचाने...

नई दिल्लीः सरकार ने जी.एस.टी की नई दरों का फायदा आम आदमी तक पहुंचाने और मुनाफाखोरी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने मुनाफा विरोधी अथॉरिटी को स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है। इससे आम लोगों तक जी.एस.टी.  के घटे रेट का फायदा नहीं पहुंचाने वालों के ख‍िलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जीएसटी के तहत अब सिर्फ 50 वस्तुएं 28 प्रतिशत के उच्चतम कर स्लैब में हैं। जीएसटी परिषद् की पिछली बैठक में 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत के स्लैब से निकालकर 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया था। साथ ही कुछ अन्य वस्तुओं पर भी कर की दर घटाई गई है। इसका लाभ ग्राहकों को मिलना सुनिश्चित करने के लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। इस साल एक जुलाई से देश में जीएसटी लागू किया गया है। 
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मुनाफाखोरी रोधी कानून 
-जीएसटी लागू होने से पहले किसी वस्तु या सेवा पर लगने वाले सभी करों की सम्मिलित प्रभावी दर की तुलना में यदि जीएसटी में कर की दर कम हुई है तो उसका फायदा ग्राहकों को दिया जाना है। 
-इससे जुड़ी शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। 
-अवैध मुनाफाखोरी पर आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है। 

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