कपास के दाम बढऩे से घटेगा मिलों का मुनाफा: इक्रा

Edited By ,Updated: 13 Jul, 2016 04:08 PM

cotton rope yarn

घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में तेज बढ़ौतरी से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कच्चे धागे की मांग घटने के साथ ही धागा बनाने वाली कम्पनियों का मुनाफा गिरने की आशंका है।

नई दिल्लीः घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में तेज बढ़ौतरी से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कच्चे धागे की मांग घटने के साथ ही धागा बनाने वाली कम्पनियों का मुनाफा गिरने की आशंका है। साख निर्धारक एजैंसी इक्रा लिमिटेड ने आज कहा कि घरेलू बाजार में बीज निकाले हुए कपास की मौजूदा कीमत अप्रैल के 90-92 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 122 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। उसने कहा कि घरेलू खपत की धीमी रफ्तार एवं कपास की कीमत वैश्विक स्तर से अधिक होने के कारण निर्यात प्रभावित होने का भारतीय धागे की मांग और उसकी वैश्विक बाजार हिस्सेदारी पर विपरीत असर पड़ सकता है।  

 

 

इक्रा के उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट क्षेत्र रेटिंग्स) अनिल गुप्ता ने कहा, "देश में कपास की कीमतें उम्मीद के विपरीत काफी तेजी से बढ़ रही हैं। घरेलू बाजार में इसकी भारी कमी भी देखी जा रही है। धीमी बुआई एवं बुआई क्षेत्र घटने के साथ ही बिचौलियों द्वारा इसका स्टॉक बढ़ाने के कारण कपास की कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। हालांकि, दाम बढऩे से किसान प्रोत्साहित होंगे और आने वाले महीनों में इसका रकबा बढ़ सकता है।" उन्होंने कहा कि मार्च में जिन कम्पनियों ने 4 से 5 महीने तक का स्टॉक रखा था, वे ऊंची कीमत के कारण मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन हमारी कई कम्पनियों से हुई बातचीत के अनुसार, अधिकांश कम्पनियां यह उम्मीद कर रही थी कि वर्ष 2016 में कपास की कीमतें स्थिर रहेंगी और उन्होंने मार्च में केवल 2 महीने का ही स्टॉक रखा था।  

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