Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 02:25 PM
बढ़ते साइबर अपराधों और डाटा लीक की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने डाटा प्रोटेक्शन कानून लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं । आईटी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक इस पर बनी कमिटी अपनी रिपोर्ट जल्दी ही सौंप देगी और 2018 से नया कानून लागू हो सकता...
नई दिल्लीः बढ़ते साइबर अपराधों और डाटा लीक की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने डाटा प्रोटेक्शन कानून लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं । आईटी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक इस पर बनी कमिटी अपनी रिपोर्ट जल्दी ही सौंप देगी और 2018 से नया कानून लागू हो सकता है। डिजिटल इंडिया को कामयाब बनाने के लिए साइबर सिक्योरिटी और डाटा प्राइवेसी काफी अहम है।
इंटरनेट का इस्तेमाल जातीय हिंसा और आतंकवाद फैलाने के लिए हो सकता है। साथ ही डाटा के गलत इस्तेमाल की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए सरकार नया कानून लाने में जुटी है। ताकि सभी को सुरक्षित साइबर स्पेस मिल सके। डाटा को सुरक्षित रखने के लिए आईटी मंत्रालय ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएन कृष्णा की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया है ।
इंडस्ट्री संगठन सीआईआई के मुताबिक डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने लिए टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर मजूबत होने के साथ-साथ सुरक्षित होना भी जरूरी है। जानकार मानते हैं कि इंटरनेट पर कुछ भी सुरक्षित नहीं है। इसके लिए कंपनियों को सिक्योरिटी ब्रीच, मालवेयर अटैक या साइबर क्राईम रोकने के लिए काम करना होगा।आज हैकर्स आपके किसी भी डिवाइस में आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए डाटा सिक्योरिटी के लिए तैयारी पहले से ही होनी चाहिए। सरकार का लक्ष्य डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाना है। ऐसे में नया कानून लोगों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रखने में मदद करेगा।