Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 08:32 AM
अगर आप दिल्ली या एनसीआर में घर खरीदने का मन बना रहे हैं तो यही मौका है जब आप अपने सपनों के आशियाने को हकीकत बनते देख सकते हैं।
नई दिल्लीः अगर आप दिल्ली या एनसीआर में घर खरीदने का मन बना रहे हैं तो यही मौका है जब आप अपने सपनों के आशियाने को हकीकत बनते देख सकते हैं। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक नोटबंदी के कारण थोड़े समय के लिए लग्जरी और सेकंडरी या री-सेल अपार्टमेंट की कीमतों में गिरावट आ सकती हैं। हालांकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में अफॉर्डेबल फ्लैट्स के दामों में ज्यादा परिवर्तन होने वाला नहीं है। गुड़गांव बेस्ड रियल एस्टेट एक्सपर्ट कंपनी कोलीर्स इंटरनैशनल इंडिया ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि नोटबंदी के तत्काल प्रभाव रियल एस्टेट पर पड़े हैं।
कंपनी के नैशनल डायरेक्टर अमित ओबेरॉय ने कहा कि नोटबंदी के बाद तत्काल कुछ समय के लिए अपस्फीति की स्थित तो स्वाभाविक थी। उन्होंने कहा,'पैसे की कीमत बढ़ी है और वित्तीय घाटा कम करने के लिए खर्च पर अंकुश लग रहा है इसलिए कुछ समय के लिए बाजार में ठहराव भी आएगा।'
उन्होंने बताया कि इस वजह से आने वाले तीन महीनों में रियल एस्टेट या जमीन की खरीद-फरोख्त में कमी आएगी। ऐसा इसलिए भी होगा क्योंकि रियल एस्टेट कंपनियां अपने 'ब्लैक मनी' को ठिकाने लगाने में व्यस्त हो जाएंगीं। ओबेरॉय ने कहा कि 3 से 12 महीने के थोड़े समय के लिए रियल एस्टेट की कीमतों में गिरावट आएगी और ब्याज दरें भी कम होनी शुरू हो जाएंगी।
ओबेरॉय के मुताबिक रियल एस्टेट 'वेट ऐंड वॉच' की रणनीति अपनाएंगी जिस वजह से इतनी जल्दी दामों में बहुत कमी भी नहीं आएगी। डिवेलपर्स को हालांकि नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि मुद्रा का प्रवाह धीमा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ए ग्रेड के डिवेलपर्स हालांकि प्राइमरी सेल्स में कैश कम लेती हैं। इसलिए उन्हें नोटबंदी से नुकसान की संभावनाएं कम हैं।