कमर्शियल रियल एस्टेट की मांग बढ़ी, महानगरों में घटी मकानों की बिक्री

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 12:38 PM

demand for commercial real estate  sales of declared houses in metros

आवासीय की बजाय अब कर्मशियल प्रॉपर्टी पर फोकस बढ़ रहा है। बड़े शहरों में प्रीमियम ऑफिस स्पेस की कमी है। जनवरी-जून 17 में 8 बड़े शहरों में आर्पूति 50 प्रतिशत घटी है। फंडिंग और नए निवेश में तेजी से विकास की उम्मीद है। मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स,...

नई दिल्लीः आवासीय की बजाय अब कर्मशियल प्रॉपर्टी पर फोकस बढ़ रहा है। बड़े शहरों में प्रीमियम ऑफिस स्पेस की कमी है। जनवरी-जून 17 में 8 बड़े शहरों में आर्पूति 50 प्रतिशत घटी है। फंडिंग और नए निवेश में तेजी से विकास की उम्मीद है। मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, रिटेल की तरफ से कमर्शियल स्पेस की मांग बढ़ रही है। कुछ डिवैल्परों को इन स्थितियों में फायदा हो सकता है। कुछ कम्पनियों के पास लाखों वर्ग फुट की कमॢशयल परियोजनाओं पर कम्पनी का काम जारी है।

रियल एस्टेट बाजार में गिरावट बनी हुई है। जुलाई-सितम्बर तिमाही में देश के 8 बड़े शहरों में आवासीय बिक्री में 35 प्रतिशत गिरावट आई है। एक रिसर्च फर्म के अनुसार, 2017 की तीसरी तिमाही में 22,699 आवासों की बिक्री हुई। इससे पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 34,809 था।  जिन शहरों से आंकड़े लिए गए हैं वे हैं, गुडग़ांव, नोएडा, मुंबई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलूर और चेन्नई। नए घरों की लांङ्क्षचग में जुलाई-सितम्बर में 83 प्रतिशत कमी आई है और यह पिछली तिमाही की 24,900 यूनिट्स की तुलना में 4,133 रह गया क्योंकि डिवैल्पर्स का फोकस रेरा और जी.एस.टी. के साथ तालमेल पर रहा।

जानकारों के अनुसार, इस बार फैस्टिव सीजन की शुरूआत जल्दी हो गई और रियल एस्टेट खासतौर पर मिड और अफोर्डेबल हाऊसिंग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। रैडी टू मूव इन और रीसेल प्रॉपर्टीज में स्थिर मांग है। डिवैल्पर्स कई तरह की छूट और उपहार के ऑफर दे रहे हैं।

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