Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 09:35 AM
इंश्योरैंस कम्पनी ने एक महिला को उसकी बीमा राशि देने से इन्कार कर दिया तो उसने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
रद्रप्रयाग: इंश्योरैंस कम्पनी ने एक महिला को उसकी बीमा राशि देने से इन्कार कर दिया तो उसने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा नगरासू को एक माह के भीतर साढ़े 4 लाख रुपए पीड़िता को भुगतान करने के निर्देश दिए।
यह है मामला
पीड़ित शशि देवी के अनुसार उसके पति स्वर्ण सत्य प्रसाद पुत्र विश्रामदत्त का संयुक्त रूप से एस.बी.आई. नगरासू में बैंक खाता था। यह खाता एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस की ओर से बीमित था। कम्पनी द्वारा सत्यप्रसाद के नाम से मास्टर पालिसी व प्रमाण पत्र जारी किया गया था जिसमें पीड़िता नामित है। पीड़िता के पति की 7 मार्च, 2015 को चट्टान से गिरकर मृत्यु हो गई थी जिसकी सूचना थाना रुद्रप्रयाग को दी गई। मृतक की पत्नी ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर बीमा क्लेम कर कम्पनी को सभी कागजात भेजे। मगर कोई सुनवाई न हुई।
यह कहा फोरम ने
फोरम ने अपना फैसला सुनाते हुए कम्पनी को पीड़िता को बीमा की राशि 4 लाख रुपए भुगतान करने को कहा। साथ ही 2 वर्ष का 8 प्रतिशत वाॢषक ब्याज की दर से ब्याज सहित आॢथक व मानसिक क्षति के रूप में 50,000 रुपए भुगतान करने के निर्देश दिए।