कृषि पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाया गया: राधामोहन सिंह

Edited By ,Updated: 15 Feb, 2017 11:05 AM

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कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना को रेखांकित करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि स्नातक तक के पाठयक्रमों

नई दिल्ली: कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना को रेखांकित करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि स्नातक तक के पाठयक्रमों को रोजगार से जोड़ कर पेशेवर बना दिया गया है जिससे अब छात्र छात्राओं को अपनी आजीविका अर्जित करने में काफी मदद मिलेगी।  

सिंह ने कहा कि कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना प्रारंभ की गई है जिसमें 5.35 करोड़ रुपए से 100 केन्द्र खोले जाने हैं। सीएयू इम्फाल में 6 नए कॉलेज खोले गए हैं जिससे वहां कॉलेजों की संख्या बढ़कर 13 हुई। राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं परिषद संस्थानों के निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष पांचवी डीन समिति की रिपोर्ट देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों में लागू कर दी गई और यह इसी शैक्षणिक सत्र 2016-17 से लागू हो जाएगी। 

उन्होंने कहा कि युवा राष्ट्र की धरोहर हैं और कृषि की बेहतरी के लिए जरूरी है कि हम अपने युवाआें को कृषि की आेर आकर्षित करें। इसमें कृषि विश्व विद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों की अहम भूमिका है। इस दिशा में आईसीएआर द्वारा स्टूडेंट रेडी योजना चलाई जा रही है जिसमें वर्ष 2016-17 में सभी छात्रों की फेलोशिप को एक हजार रुपए से बढ़ाकर 3 हजार रुपए किया गया है।   

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि इसके अलावा एक अन्य योजना ‘आर्या’ भी सफलता से चलाई जा रही है। सिंह ने बताया कि देश में नए विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के माध्यम से कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं जैसे कि बिहार के पूसा स्थित राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय का डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में उन्नयन किया गया है, साथ ही एेसे 4 नए कॉलेज खोले गए हैं।

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