Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Oct, 2017 11:49 AM
नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद पहली धनतेरस-दीवाली पर कारोबार फीका रहा। खरीदारी के लिए शुभ माने जाने वाले धनतेरस के दिन यानी मंगलवार को सराफा बाजार में भले ही थोड़ी रौनक दिखी हो लेकिन कपड़ा, बर्तन और फर्नीचर कारोबारियों की बिक्री पिछले...
नई दिल्लीः नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद पहली धनतेरस-दीवाली पर कारोबार फीका रहा। खरीदारी के लिए शुभ माने जाने वाले धनतेरस के दिन यानी मंगलवार को सराफा बाजार में भले ही थोड़ी रौनक दिखी हो लेकिन कपड़ा, बर्तन और फर्नीचर कारोबारियों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले कम रही है। उधर, कंपनियों द्वारा दीवाली तोहफों के बजट में कटौती करने से गिफ्ट आइटम की बिक्री में भी नरमी देखी जा रही है। हालांकि आभूषण कारोबारियों का कहना है कि इस बार उनकी दीवाली पिछले साल से बेहतर रही है।
देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई दोनों की कमोबेश स्थिति एक जैसी रही। मुंबई की बात करें तो दीवाली सीजन में कुल कारोबार में इस बार करीब 30 से 40 फीसदी की कमी आने की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली के बर्तन कारोबारियों के लिए नोटबंदी व जीएसटी की उलझन के साथ महंगे बर्तन से इस साल धनतेरस फीकी रही। कारोबारियों के मुताबिक बर्तन बिक्री 30 से 40 फीसदी कम हुई। दिल्ली में करीब 300 बड़े बर्तन कारोबारी है, जिनका सालाना कारोबार 800-1000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इनमें धनतेरस पर करीब 50 से 60 फीसदी की बिक्री आमतौर पर होती रही है। बर्तन कारोबारी इस धनतरेस पर बर्तन कारोबार 30-40 फीसदी घटने की बात कह रहे हैं।