Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 04:28 PM
रियल्टी कंपनी डी.एल.एफ. के निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों की तरफ से कंपनी में 11,250 करोड़ रुपए निवेश के बदले उन्हें ऋणपत्र व वॉरंट जारी करने की मंजूरी दे दी, जो शुद्ध कर्ज में काफी ज्यादा कमी लाने के मकसद से किया जा रहा है। निदेशक मंडल ने सार्वजनिक...
नई दिल्लीः रियल्टी कंपनी डी.एल.एफ. के निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों की तरफ से कंपनी में 11,250 करोड़ रुपए निवेश के बदले उन्हें ऋणपत्र व वॉरंट जारी करने की मंजूरी दे दी, जो शुद्ध कर्ज में काफी ज्यादा कमी लाने के मकसद से किया जा रहा है। निदेशक मंडल ने सार्वजनिक पेशकश या निजी नियोजन के जरिए संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचने की भी मंजूरी दे दी।
इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी करीब 3,500 करोड़ रुपए जुटा सकती है। अगस्त में प्रवर्तकों ने किराया इकाई डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) की 40 फीसदी हिस्सेदारी 11,900 करोड़ रुपए में बेची थी और इसे डीएलएफ में निवेश का प्रस्ताव किया था। इस सौदे में डीसीसीडीएल की 33.34 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर के सॉवरिन वेल्थ फंड जीआईसी को 8,900 करोड़ रुपए में बेचना और बाकी 3,000 करोड़ रुपए के शेयर डीसीसीडीएल की तरफ से दोबारा खरीदना शामिल है।
बीएसई को भेजी सूचना में डीएलएफ ने आज कहा कि इसके निदेशक मंडल ने तरजीही पेशकश और 37.97 करोड़ अनिवार्य परिवर्तनीय असुरक्षित ऋणपत्र प्रवर्तकों को नकदी में जारी करने को मंजूरी दे दी। इस ऋणपत्र को 217.25 रुपए के भाव पर इक्विटी में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों को 13,80,89,758 वॉरंट जारी करने की अनुमति दी, जिसे उसी कीमत पर शेयर में परिवर्तित किया जाएगा।
बोर्ड ने कंपनी की अधिकृत पूंजी 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपए करने की मंजूरी भी दी। साथ ही अशोक कुमार त्यागी और देविंदर सिंह को कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक पांच साल के लिए नियुक्त करने को मंजूरी दी, जो 1 दिसंबर 2017 से प्रभावी होगा।