Edited By ,Updated: 14 Dec, 2016 01:58 PM
गेहूं के शुल्क-मुक्त आयात से इसकी बुवाई पर असर नहीं पड़ेगा। वजह यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर खरीदेगा।
नई दिल्लीः गेहूं के शुल्क-मुक्त आयात से इसकी बुवाई पर असर नहीं पड़ेगा। वजह यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर खरीदेगा। इससे किसानों के हित सुरक्षित रहेंगे। कृषि सचिव शोभना के.पटनायक ने मंगलवार को यह बात कही।
बीते हफ्ते सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया था। इससे पहले यह 15 फीसदी था। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ऐसा किया गया था। एफ.सी.आई. खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए केंद्र की नोडल एजेंसी है। पटनायक ने कहा कि देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए गेहूं पर आयात शुल्क को हटाने का फैसला किया गया था। इससे बुवाई प्रभावित नहीं होगी। किसानों पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा क्योंकि आमतौर पर गेहूं की खरीद एफसीआई करता है।
एफसीआई ने वित्त वर्ष 2015-16 में करीब 2.30 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी। इससे पहले के वित्त वर्ष में उसने 2.80 करोड़ टन गेहूं खरीदा था। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते हफ्ते तक गेहूं बुवाई का रकबा 11.5 फीसदी बढ़कर 225.63 लाख हेक्टेयर हो चुका था। बीते साल की इसी अवधि में यह 202.28 लाख हेक्टेयर था।