1 फरवरी से लागू होने वाला है ई-वे बिल, ये 4 फार्म आएंगे कारोबारियों के काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 11:21 AM

e way bills are going to come into effect from february

ई-वे बिल लागू होने में पांच दिन बचे हैं 16 जनवरी से ई-वे बिल का ट्रायल रन शुरू हो चुका  है। ई-वे बिल के लिए जीएसटीएन पोर्टल से अलग वेबसाइट बनाई है। देश भर के सभी कारोबारी और ट्रेडर्स इस वेबसाइट पर ई-वे बिल जनरेट कर पाएंगे

नई दिल्लीः ई-वे बिल लागू होने में पांच दिन बचे हैं 16 जनवरी से ई-वे बिल का ट्रायल रन शुरू हो चुका  है। ई-वे बिल के लिए जीएसटीएन पोर्टल से अलग वेबसाइट बनाई है। देश भर के सभी कारोबारी और ट्रेडर्स इस वेबसाइट पर ई-वे बिल जनरेट कर पाएंगे,  पर अभी भी कारोबारियों को उसे लेकर कई सारे कन्फ्यूजन है।

ई-वे बिल में कितने तरह के फॉर्म है और उन्हें कैसे यूज करना है। आज हम आपकों उन 4 फार्म के बारे में बताने जा रहे है जिससे आपको काफी आसानी होगी। सरकार ने ई-वे बिल में चार तरह के फॉर्म बनाए हैं। जो कि कारोबारियों की केटेगरी के हिसाब से है।

-ई-वे बिल-1 
ये गुड्स के लिए है। यानी डीलर, कारोबारी, एक्सपोर्टर, ट्रेडर जो 50 हजार रुपए का स्टॉक एक राज्य से दूसरे राज्य में भेज रहे हैं, उन्हें ई-वे बिल-1 भरना होगा। ये ई-वे बिल सबके लिए एक है जो कोई भी भर सकता है।

-ई-वे बिल-2 
ये ट्रासपोटर्स को भरना है। कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल, ई-वे बिल-2 फॉर्म के जरिए भरा जाएगा। कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल में एक ही व्हीकल में अलग-अलग डीलर्स, प्रोडक्ट का सामान भेजने पर कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल बनेगा। ये कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल ज्यादातर ट्रांसपोर्टर्स को भरना होगा। ट्रांसपोर्टर्स अगल-अगल डीलर्स के लिए एक कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल बना सकता है।

-ई-वे बिल-3 
ये वैरिफिकेशन फॉर्म है जिसे जीएसटी अधिकारी भरेंगे। इस फॉर्म में प्रोडक्ट ले जा रहे है व्हीकल की जानकारी जैसे व्हीकल नंबर, ट्रांसपोर्टर और डीलर का नाम और नंबर होगा। इसके अलावा इसमें प्रोडक्ट की जानकारी होगी। ये फॉर्म डीलर, ट्रांसपोर्टर और जीएसटी अधिकारी कोई भी चेक कर सकता है।

-ई-वे बिल-4
ये डिटेन्शन फॉर्म है। यानी  एक जीएसटी अधिकारी ने अगर 50 ट्रक को ये  वैरिफाई किया है और उसमें से अगर 4 में अधिकारी को कुछ गढ़बढ़ लगता है, तो वह उन व्हीकल और प्रोडक्ट को जब्त कर लेगा। अधिकारी जिन भी ट्रक या प्रोडक्ट को जब्त करता है, वह उसकी जानकारी ई-वे बिल-4 में भरेगा। ई-वे बिल-4 में भरी जानकारी ट्रांसपोर्टर, डीलर, कारोबारी, एक्सपोर्टर, ट्रेडर ऑनलाइन स्वयं भी चेक कर सकते हैं कि उनके कौनसे ट्रक जीएसटी अधिकारी ने जब्त कर लिए हैं।

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