Edited By ,Updated: 02 Aug, 2016 12:56 PM
मौसम विभाग ने 2016 के मॉनसून सीजन के लिए सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश के अपने अनुमान को बरकरार रखा है।
नई दिल्लीः मौसम विभाग ने 2016 के मॉनसून सीजन के लिए सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश के अपने अनुमान को बरकरार रखा है। मॉनसून के 4 महीने के सीजन में अगस्त में बारिश की 29 फीसदी हिस्सेदारी होती है। अगस्त में बारिश 4 फीसदी अधिक रहने की उम्मीद है। विभाग ने बताया कि मॉनसून में रुकावट पैदा करने वाला अल नीनो इस वर्ष मई में समाप्त हो गया था और अभी ENSO न्यूट्रल स्थितियां जारी हैं। हालांकि, विभाग का कहना है कि कुछ ग्लोबल मॉडल्स से मॉनसून के बाद के सीजन में कमजोर ला नीना स्थितियों के विकसित होने का संकेत मिल रहा है।
मॉनसून की वर्षा सामान्य से अधिक होने से इन्फ्लेशन में कमी आने के साथ ही फूड प्रॉडक्शन में बढ़ौतरी हो सकती है। 2015 में मॉनसून सामान्य से 14 फीसदी और 2014 में 12 फीसदी कम रहा था। मौसम विभाग के डायरेक्टर (लॉन्ग रेंज फोरकास्ट), डी.एस.पाई ने बताया कि इस वर्ष मॉनसून के सरप्लस रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मॉनसून के बाकी बचे सीजन में हिंद महासागर के ऊपर नेगेटिव इंडियन ओन डायपोल (IOD) स्थितियों के जारी रहने का अनुमान है।
पाई के मुताबिक, 'IOD और मॉनसून का संबंध अल नीनो और मॉनसून जितना मजबूत नहीं है। कुछ मौकों पर नेगेटिव IOD से मॉनसून कमजोर हुआ है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। बहुत कुछ हवा और हिंद महासागर में कनवेक्शन पैटर्न पर निर्भर करता है लेकिन अभी तक हमें मजबूत या खराब होने का कोई संकेत नहीं मिला है। हम ज्यादा असर की उम्मीद नहीं कर रहे।'
ला नीना के अधिकतर वर्षों में भारत में मॉनसून सामान्य के करीब या सामान्य से अधिक रहा है। IOD समुद्र की सतह के तापमान का एक अनियमित कम्पनी है जिसमें पश्चिमी हिंद महासागर पूर्वी हिस्से की तुलना में पहले अधिक गर्म और फिर ठंडा हो जाता है। नेगेटिव IOD से मॉनसून धीमा पड़ सकता है। मौसम विभाग ने कहा, 'देश में जून से सितंबर तक का मॉनसून सीजन 4 फीसदी के मॉडल एरर के साथ एवरेज से 106 फीसदी अधिक रहने की संभावना है, जैसा जून के फोरकास्ट में कहा गया था।' मॉनसून सीजन के दूसरे हिस्से (अगस्त से सितंबर) के दौरान 8 फीसदी के मॉडल एरर के साथ वर्षा सामान्य से 7 फीसदी अधिक हो सकती है। विभाग सितंबर के लिए एक और फोरकास्ट अगस्त के अंतिम सप्ताह में जारी करेगा। एक जून से 31 जुलाई तक देश में 454.7 mm के साथ सामान्य वर्षा हुई है। जुलाई में वर्षा 7 फीसदी अधिक रही है।