Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 02:17 PM
एक राष्ट्र एक कर के सपने को पूरा करने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) 1 जुलाई से लागू होने वाला है, जिसकी सभी तैयारीयां लगभग पूरी हो चुकी है।
नई दिल्लीः एक राष्ट्र एक कर के सपने को पूरा करने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) 1 जुलाई से लागू होने वाला है, जिसकी सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार द्वारा पिछले 1 साल से लोगों को जी.एस.टी बारे जानकारी देने के लिए 4568 वर्कशॉप करवाई गई है। न केवल सरकारी लेवल पर इसकी जानकारी लोगों तक पंहुचाई जा रही है बल्कि गैर सरकारी लेवल पर भी वर्कशॉप हो चुकी है। लेकिन ट्रेडर और इंडस्ट्री में अभी भी जीएसटी को लेकर कोई जानकारी नहीं है।
GST Awareness Campaign के तहत हो चुकी 4568 वर्कशॉप
GST Awareness Campaign के तहत हो आज पूरे देश में लगभग 4568 वर्कशॉप हो चुकी है जिनमें जी.एस.टी से जुडी हर जानकारी को बताया गया है। हर दिन में सरकार द्वारा 4 से 5 वर्कशॉप करवाई जा चुकी है।
बिजनस करनेवालों में कन्फ्यूजन
जीएसटी को लेकर दुकानदारों में डर और भ्रम का माहौल है। कुछ दुकानदारों ने कहा कि जी.एस.टी. की बढ़ी दरों से स्मगलिंग बढ़ेगी। लोग टैक्स की चोरी करते हुए दो नंबर से माल बेचेंगे। कुछ का कहना है कि सरकार को जीएसटी की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। रिटर्न भरने में छोटे दुकानदारों को दिक्कत आएगी। लोगों के मन में बाते चल रही है कि एक साल में 37 रिटर्न कैसे होगा, पुराने स्टॉक का क्या होगा, जानकारी की कमी है, कितना फीसदी का घाटा होगा आदि।
लोग आज भी फंसे महंगे सस्ते में
जी.एस.टी की लागू होने की खबरो के बीच लोग यह जानने का बहुत कम प्रयास कर रहे है कि ये है क्या, बल्कि लोग ये जानने के लिए ज्यादा उत्सुक है कि कौन सी चीज महंगी हो रही है और कौन सी सस्ती। उन्हें इसके पीछे के कारणों को नहीं पता कि क्यों चीजों के दाम कम या ज्यादा हो रहे है, कि उनके जीवन में 1 जुलाई से क्या होने वाला है। हर एक चीज जो आम आदमी से जुडी से एक नए बदलाव के साथ उनके आगे पेश होगी।
कितने तरह के GST हैं और इनके मायने क्या हैं?
1. सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी: इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
2. एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी: इसे राज्य सरकार वसूलेगी।
3.आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी:अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
4.यूनियन टेरेटरी जीएसटी: यूनियन गवर्नमेंट द्वारा एडिमिनिस्ट्रेट किए जाने वाले गुड्स, सर्विस या दोनों पर लगेगा। इसे सेंट्रल गवर्नमेंट ही वसूलेगी।