क्या है मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री की उम्मीदें?

Edited By ,Updated: 28 Jan, 2017 11:11 AM

expectations of media and entertainment industry from budget

सबको सपनों की दुनिया में ले जाने वाली मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री के अपने सपने और अपनी समस्याएं भी हैं।

नई दिल्लीः सबको सपनों की दुनिया में ले जाने वाली मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री के अपने सपने और अपनी समस्याएं भी हैं। बजट के पहले और लोगों की तरह ये इंडस्ट्री भी सरकार से कुछ उम्मीदें रखती है। तेज ग्रोथ के सपनों पर सवार भारत की मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में बड़ा रूप ले सकती है, बशर्ते की सरकार इसकी क्षमताओं को ठीक से पहचाने।

फिल्म बनाने के लिए मिले बैंक से लोन
इंडस्ट्री 2020 तक यानि अगले चार साल में 40 अरब डॉलर का आकार हासिल करना चाहती है और इसके लिए सालाना 10.3 फीसदी की रफ्तार मेंटेन करनी होगी। बजट की बात आते ही इंडस्ट्री के दिग्गज बौद्धिक संपदा के प्रति सरकार के उदासीन रवैए की याद दिलाते हैं। इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार इंडस्ट्री की बौद्धिक संपदा को पहचान दे। मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में जोखिम को कम करने के उपाय किए जाएं। फिल्में बनाने के लिए बैंकों से लोन मिले। सरकार को भी इसके लिए फंड की व्यवस्था करनी चाहिए।

सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था हो
इंडस्ट्री अपनी आम समस्याओं से जल्दी निजात चाहती है। कोई भी काम करने के लिए जटिल कानूनी और रेगुलेटरी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इन्हें कम किया जाए और क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जाए। इंडस्ट्री को फिलहाल जीएसटी से बहुत उम्मीदें हैं, लेकिन इसकी बारीकियां सामने आने से पहले कई सवाल भी हैं, जिन पर बहुत कुछ निर्भर करता है।

डिजिटाइजेशन पर हो ज्यादा जोर
मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री की पिछले एक दशक में डिजिटाइजेशन और उच्च इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ी है। इंटरनेट लगभग सभी लोगों के लिए मनोरंजन की मुख्यधारा बन चुका है। ऐसे में इंडस्ट्री बहुत ध्यान से देख रही है कि सरकार डिजिटल इंडिया को कैसे आगे ले जाती है।

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