रिफंड के लिए निर्यातकों को भरनी होगी GSTR1 फॉर्म की टेबल 6A

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 05:03 PM

exporters will be required to refund gstr1 form table 6a

माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जी.एस.टी.एन.) ने आज बताया कि निर्यातकों को रिफंड दाखिल करने के लिए उसके पोर्टल पर जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म में टेबल 6ए भरना होगा और इसकी शुरुआत कर दी गई है। जी.एस.टी.एन. ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोई निर्यातक, निर्यात के दौरान...

नई दिल्लीः माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जी.एस.टी.एन.) ने आज बताया कि निर्यातकों को रिफंड दाखिल करने के लिए उसके पोर्टल पर जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म में टेबल 6ए भरना होगा और इसकी शुरुआत कर दी गई है। जी.एस.टी.एन. ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोई निर्यातक, निर्यात के दौरान जमा किए गए एकीकृत जी.एस.टी. (आई.जी.एस.टी.) कर की वापसी के दावे के लिए भेजे गए (शिपिंग) बिल और दिए गए जी.एस.टी. कर के इनवॉयस को अपने उस माह के जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म में भर सकता है। निर्यातक द्वारा भरे गए शिपिंग बिल को निर्यात किए गए माल पर कर वापसी का आवेदन माना जाता है।

जी.एस.टी.एन. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा, इनपुट सेवा प्रदाता या एकमुश्त कर देने वाला करदाता या स्रोत पर कर कटौतीकर्ता या स्रोत पर कर संग्रहाक को छोड़कर हर पंजीकृत करदाता जिसने आई.जी.एस.टी. का भुगतान कर निर्यात किया है, वो जी.एस.टी. पोर्टल पर दिए गए फॉर्म जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म में टेबल 6ए को इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल कर सकते हैं। विज्ञप्ति के अनुसार जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म की टेबल 6ए के जरिए करदाता संबंधित अवधि के लिए निर्यात संबंधी आंकड़ों को फाइल कर सकते हैं। इस कर अवधि के रिफंड को जी.एस.टी.आर-3बी और जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म के टेबल 6ए में की गई घोषणा के आधार पर आगे बढ़ाया जा सके। करदाता जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म के टेबल 6ए में बिना कुछ भरे जी.एस.टी.आर-1/2/3 को बाद में भर सकता है। चूंकि अगस्त, सितंबर और अक्तूबर के लिए काफी करदाताओं ने जी.एस.टी.आर-3बी के तहत रिटर्न भर दिया है लेकिन अगस्त के लिए जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म भरने की तारीखों की घोषणा अभी तक न होने से जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म फाइल नहीं किया जा सका है। इसलिए निर्यातकों को रिफंड आवेदन करने के लिए इस प्रक्रिया को उपलब्ध कराया गया।

जी.एस.टी.एन. का कहना है कि जी.एस.टी.आर-1 फॉर्म में टेबल 6ए में जानकारी भरने के बाद निर्यातक अपने निर्यात आंकड़े को संरक्षित और अपलोड कर सकते हैं। यह टेबल अलग से निकाली जाएगी। निर्यातकों द्वारा इसे डिजिटल हस्ताक्षर करने के बाद यह अपने आप सीमाशुल्क विभाग के बाद पहुंच जाएगी। इसके बाद सीमा शुल्क विभाग इस टेबल में दी गई जानकारी को शिपिंग बिल आंकड़ों और जी.एस.टी.आ-3बी फार्म के कर भुगतान के साथ मिलान कर प्रमाणित करेगा। इसके बाद रिफंड की राशि या तो सीधे निर्यातक के बैंक खाते में पहुंच जाएगी या फिर उसे चेक जारी कर दिया जाएगा।            
 

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