Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 02:28 PM
समुद्री उत्पादों (मछली) के व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच भारत के निर्यातकों के लिए खुश होने का कारण है
भुवनेश्वर: समुद्री उत्पादों (मछली) के व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच भारत के निर्यातकों के लिए खुश होने का कारण है। माना जा रहा है कि भारत 2017 में चिली के साथ समुद्री उत्पादों के निर्यात में अगली कतार में खड़ा रहेगा। भारत से वन्नामे झींगा मछली का निर्यात 41 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी ग्लोबफिश की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के बड़े मछली निर्यातक देशों में भारत और चिली से निर्यात के आंकड़े बेहतर रह सकते हैं। जहां तक भारत की बात है तो वन्नामे झींगा मछली का जबरदस्त उत्पादन होने से यहां से 2017 में निर्यात बढ़कर 2.3 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।
ग्लोबलफिश संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) के तहत कार्य करने वाली इकाई है। रिपोर्ट में जून 2017 तक बाजार में समुद्री उत्पादों (मछलियों) की मांग का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट से भारतीय निर्यातकों को ऐसे समय में राहत मिल सकती है जब यूरोपीय संघ खराब गुणवत्ता का हवाला देकर भारत की झींगा मछली पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। जहां तक चिली की बात है तो साल्मन (मछलियों की श्रेणी) का उत्पादन अधिक होने और कीमतें बढऩे से कुल आंकड़ा 1.6 अरब डॉलर रह सकता है, यानी चिली से होने वाले मछलियों के निर्यात मूल्य में 30 प्रतिशत बढ़ौतरी होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीका, यूरोपीय संघ और जापान में आर्थिक हालात सुधरने से वहां मछलियों की मांग में तेजी आएगी। पूरी दुनिया में मछली की मांग अधिक होने से कुल उत्पादन के ज्यादातर हिस्से का निर्यात होगा। मछली एवं मछलीपालन से संबंधित उत्पादों का वैश्विक कारोबार 2017 में 5.8 प्रतिशत बढ़कर 150 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है। एफ.ए.ओ. की एक शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में भारत झींगा मछली का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनकर उभरा था। उस रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारत ने 4,38,500 टन झींगा मछली का निर्यात किया था। 2016 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में झींगा मछली के 5 प्रमुख उत्पादक देशों में भारत, वियतनाम, इक्वाडोर, इंडोनेशिया और थाईलैंड शामिल थे।