Edited By ,Updated: 12 Mar, 2017 03:07 PM
कर अपवंचना करने वाली मुखौटा कंपनियों के खिलाफ घेरा कसने के बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन ने फील्ड अधिकारियों से उन इकाइयों के खिलाफ अभियोजन के मामले दायर करने को कहा है
नई दिल्लीः कर अपवंचना करने वाली मुखौटा कंपनियों के खिलाफ घेरा कसने के बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन ने फील्ड अधिकारियों से उन इकाइयों के खिलाफ अभियोजन के मामले दायर करने को कहा है जो फर्जी दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ लेती हैं।
आयकर के प्रधान मुख्य आयुक्त को लिखे पत्र में सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र ने उन मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया तेज करने को कहा है जिनमें निपटान आयोग ने एंट्री आपरेटरों के दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘एंट्री आपरेटरों के मामले में अभियोजन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक कर सकते हैं। इनमें फर्जी एलटीसीजी के दावे, निपटान आयोग द्वारा खारिज किए गए मामले शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमआे) ने पिछले महीने राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अगुवाई में एक कार्यबल गठित किया था। इसमें केंद्रीय जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों को भी रखा गया है। कर विभाग के अनुसार भारत में अभी 15 लाख पंजीकृत कंपनियां हैं जिनमें से सिर्फ 6 लाख सालाना रिटर्न जमा कराती हैं। इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में एेसी कंपनियों द्वारा वित्तीय अनियमितता की जाती है।