डीमैट खातों को आधार से जोड़ने के आदेश से विदेशी निवेशकों में डर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 10:46 AM

fear in foreign investors by order to link demat accounts with aadhar

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सभी डीमैट खातों को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता से घरेलू निवेशकों के साथ ही साथ विदेशी फंडों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। अगस्त में सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया था कि 31 दिसंबर,...

नई दिल्लीः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सभी डीमैट खातों को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता से घरेलू निवेशकों के साथ ही साथ विदेशी फंडों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। अगस्त में सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया था कि 31 दिसंबर, 2017 तक आधार क्रमांक नहीं देने वाले सभी ग्राहकों के खाते जब्त कर लिए जााएं। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ कि यह सर्कुलर केवल घरेलू निवेशकों के लिए है। हालांकि इसमें अस्पष्टता को देखते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) ने सेबी से स्पष्ट करने को कहा है कि क्या इसके दायरे में वे भी आएंगे।

सेबी से मांगा स्पष्टीकरण
मामले के जानकार एक सूत्र ने कहा, 'सेबी द्वारा इस बारे में जारी निर्देश स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सेबी से आधार मामले को स्पष्ट करने के लिए पत्र लिखा है, ताकि अंतिम समय में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।' आधार क्रमांक किसी इकाई को जारी नहीं किया जाता है, इसलिए खातों का संचालन करने वाले 'अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता' को अपना आधार देना होगा। सूत्रों ने कहा कि सेबी इस बारे में बाजार से प्रतिक्रिया जुटा रहा है और इस बारे में स्पष्टीकरण जारी कर सकता है। सिटी बैंक, जेपी मॉर्गन, एच.एस.बी.सी. और बी.एन.पी. पारिबा प्रमुख कस्टोडियन हैं, जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के खातों का संचालन करती हैं। एफ.पी.आई. को डर है कि इससे कहीं न्यूनतम वैकल्पिक कर और गार जैसी स्थिति पैदा न हो जाए।

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