GST परिषद ने C-GST, I-GST के मसौदे को दी मंजूरी, छोटे होटलों पर लगेगा 5% टैक्स

Edited By ,Updated: 04 Mar, 2017 07:53 PM

final draft of igst cgst approved

जीएसटी परिषद की आज हुई बैठक में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए प्रस्तावित दो प्रमुख विधेयकों केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) ..

नई दिल्लीः जीएसटी परिषद की आज हुई बैठक में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए प्रस्तावित दो प्रमुख विधेयकों केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) की रूपरेखा पर सहमति रही लेकिन इस पर अंतिम मंजूरी मार्च के मध्य में ही मिलने की संभावना है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेतली ने आज राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाए गए जीएसटी विधेयक पर चर्चा की लेकिन राज्य जीएसटी विधेयक के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं हुई।

अगली मीटिंग 16 मार्च को
सीजीएसटी, आईजीएसटी और यूटी-जीएसटी कानून को 9 मार्च से शुरू बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में रखा जाएगा। जेतली के अनुसार जीएसटी लागू करने के लिए एक जुलाई की सीमा संभव दिखती है, शिखर दर अपेक्षाकृत उंची रखी जाएगी पर लागू की जाने वाली दरें 5,12, 18 और 28 ही रहेगी। काउंसिल की अगली मीटिंग 16 मार्च को होगी, जिसमें बाकी विषयों पर चर्चा की जाएगी।

छोटे होटलों पर लगेगा 5% टैक्स
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा, ‘‘राज्यों ने 26 बदलाव की मांग की थी जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। यह भारत की संघीय व्यवस्था का गुण प्रदर्शित करता है। केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) पर परिषद की मार्च के मध्य में होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा।’’ मित्रा ने आगे कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारे ढाबा और छोटे रेस्तरां कारोबारियों के लिए एक निपटान योजना रखने पर सहमत हुए हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘राज्य यह मांग कर रहे थे कि ढाबा और छोटे रेस्तरां निपटारा योजना अपना सकते हैं। केंद्र इस पर सहमत हो गया है कि इन छोटे कारोबारी पर 5 प्रतिशत कर लगेगा और यह केंद्र एवं राज्यों के बीच बराबर बांटा जाएगा।’’

रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाए
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिषद की आज की बैठक में केंद्रीय जीएसटी तथा एकीकृत जीएसटी विधेयकों पर व्यापक रूप से सहमति रही। उन्होंने कहा, ‘‘रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। हर कोई जानता है कि जमीन जायदाद के क्षेत्र में काफी कालाधन प्रयोग होता है। एेसे में रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।’’

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