बजट लक्ष्य के 91.3 प्रतिशत पर पहुंचा राजकोषीय घाटा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 11:29 AM

fiscal deficit reached 91 3 percent of the budget estimate

देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत में बजट अनुमान का 91.3 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसका मुख्य कारण व्यय बढ़ना रहा है। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार व्यय एवं राजस्व के बीच अंतर को बताने वाला राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से...

नई दिल्लीः देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत में बजट अनुमान का 91.3 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसका मुख्य कारण व्यय बढ़ना रहा है। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार व्यय एवं राजस्व के बीच अंतर को बताने वाला राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से 2017-18 की अप्रैल-सितंबर छमाही में 4.99 लाख करोड़ रुपए रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2016-17 की इसी अवधि में घाटा पूरे साल के अनुमानित लक्ष्य का 83.9 प्रतिशत था।

वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने राजकोषीय घाटा जी.डी.पी. 3.2 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान रखा है। पिछले वित्त वर्ष में यह लक्ष्य 3.5 प्रतिशत था। आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में सरकार की राजस्व प्राप्ति 6.23 लाख करोड़ रुपए रही जो कि पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान 15.15 लाख करोड़ रुपए का 41.1 प्रतिशत है। इस प्राप्ति में कर और अन्य मद से प्राप्त राजस्व शामिल हैं। यह एक साल पहले इसी अवधि में 41.2 प्रतिशत था।

महालेखा नियंत्रक के आंकड़े के अनुसार सरकार का कुल व्यय तिमाही आधार पर बढ़ा है और सितंबर अंत में 11.49 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। यह बजटीय अनुमान का 53.5 प्रतिशत है। एक साल पहले यह राशि बजटीय अनुमान का 52 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल-सितंबर के दौरान पूंजी व्यय बजटीय अनुमान का केवल 47.3 प्रतिशत रहा जो पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में 54.7 प्रतिशत था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान ब्याज भुगतान समेत राजस्व व्यय बजट अनुमान का 54.6 प्रतिशत रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 51.6 प्रतिशत था।  

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