Edited By ,Updated: 20 Apr, 2017 05:26 PM
विदेशों में आम के शौकीनों की गिनती में लगातार बढ़ौतरी हो रही है।
नई दिल्लीः विदेशों में आम के शौकीनों की गिनती में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। भारत के आम की वैरायटी केसर और अलफांसों की मांग दिनो-दिन बढ़ रही है। उम्मीद है कि चालू साल में 50 हजार टन आम का निर्यात होगा जो पिछले साल से ज्यादा है। देश के दक्षिण और पश्चिमी भागों में केसर और अलफांसों की अच्छी पैदावार हुई है। इसके अलावा कई नए देशों से आम की मांग आई है, जिससे उम्मीद है कि चालू साल में आम का निर्यात पिछले साल से ज्यादा रहेगा।
45 हजार टन से ज्यादा आम हुए निर्यात
एग्रीकल्चर एंड प्रॉसेस्ड फूड प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अॅथॉरिटी (एपीडा) ने कहा है कि अभी तक 45730 टन आम का निर्यात हो चुका है। इस माह अभी तक करीब 200 टन आम का निर्यात हो चुका है। एपीडा ने उम्मीद जताई है कि आगामी हफ्तों में आम निर्यात में और बढ़त होगी। बता दें कि कोरिया, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया आम के नए आयातक देश हैं। अमरीका को 131 टन आम का निर्यात किया गया है। मिडिल ईस्ट को 42 टन और यूरोपीय यूनियन को 18 टन आम का निर्यात किया गया है।
मौसम ने दिया सबसे ज्यादा साथ
अभी तक देश का मौसम भी आम की पैदावार के हिसाब से अच्छा रहा है। इसके चलते आम की क्वालिटी भी अच्छी रही है। निर्यात बढ़ने का यह भी एक बड़ा कारण है। एपीडा के एक अधिकारी के अनुसार अगर मौसम ऐसा ही बना रहा निर्यात पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 50 हजार टन के के स्तर पर पहुंच जाएगा। उत्तर प्रदेश से आम का बाजार में आना मिड जून तक शुरू हो जाएगा। देश में दक्षिण और पश्चिमी भारत के आम की बिक्री खूब हो रही है। देश में उम्मीद है कि चालू साल में करीब 19.21 मिलियन टन आम का उत्पादन होगा, जबकि पिछले साल यह 18.6 मिलियन टन था।