अब प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में भी फ्रॉड, फिर PNB को लगी चपत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 09:37 AM

fraud in the prime minister money scheme

पंजाब नैशनल बैंक में करीब 11,500 करोड़ रुपए के महाघोटाले के सामने आने के बाद इस बैंक की बाड़मेर शाखा में एक और घोटाला सामने आया है। इस बार इस बैंक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। सी.बी.आई. ने इस मामले में केस भी दर्ज...

बाड़मेरः पंजाब नैशनल बैंक में करीब 11,500 करोड़ रुपए के महाघोटाले के सामने आने के बाद इस बैंक की बाड़मेर शाखा में एक और घोटाला सामने आया है। इस बार इस बैंक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। सी.बी.आई. ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। मुद्रा योजना पी.एम. मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है जिसका जिक्र वह अक्सर बेरोजगारी के सवाल पर करते हैं। इस योजना में कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है और लोन देने के बाद इस राशि के जरिए आवेदक को कुछ संपत्ति अर्जित करनी होती है। इस शाखा से जारी किए गए मुद्रा लोन में ऐसा नहीं हुआ है।

बैंक को 62 लाख का नुक्सान 
सी.बी.आई. के मुताबिक राजस्थान में पी.एन.बी. की बाड़मेर शाखा में एक सीनियर ब्रांच मैनेजर ने सितम्बर 2016 और मार्च 2017 के बीच बेईमानी और धोखाधड़ी से 26 लोगों को मुद्रा लोन बांटे जिस कारण बैंक को करीब 62 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है।   सी.बी.आई. का कहना है कि ताजा बैंकिंग घोटाले में पी.एन.बी. ने व्यापार या आवास का सत्यापन किए बिना आवेदकों को मुद्रा लोन जारी कर दिए। इस योजना के माइक्रो यूनिट्स डिवैल्पमैंट एंड रिफाइनैंस एजैंसी मुद्रा योजना के तहत फर्जी लोन जारी किए गए।

ब्रांच मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज
सी.बी.आई. ने इस मामले में पी.एन.बी. बाड़मेर शहर के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर इंद्र चन्द्र चंदावत के खिलाफ  केस दर्ज किया है। सी.बी.आई. ने कहा है कि उन्होंने लोन जारी करने से पहले आवेदकों की जांच नहीं की, फिजीकल वैरीफिकेशननहीं किया और लोन देने के बाद आवेदकों के संपत्ति अर्जित करने की भी जांच नहीं की। सी.बी.आई. ने बताया कि जारी करने से पहले 26 लोन में से केवल एक की जांच की गई। इसके अलावा किसी भी बैंक शाखा को 25 कि.मी. आसपास तक के इलाके में रहने वालों को लोन जारी करने की इजाजत होती है लेकिन पी.एन.बी. के केस में 100 कि.मी. दूर के इलाके में रहने वालों को भी लोन जारी किए गए।

पहले भी लग चुका है PNB को चूना
अब इन 26 में से 5 लोन एन.पी.ए. हो गए हैं। बैंक अब 62 लाख रुपए वसूल भी नहीं सकता है। सी.बी.आई. को पता चला कि इस मामले में जोधपुर में तैनात पी.एन.बी. के डिप्टी जनरल मैनेजर ने जांच भी की थी और इस शाखा के मैनेजर को सस्पैंड भी किया गया था लेकिन बाद में यह सस्पैंशन वापस ले लिया गया। अब घोटाले के आरोपी की राजस्थान की अबू रोड स्थित पी.एन.बी. शाखा में नियुक्ति है। बता दें कि इससे पहले हीरा कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने पी.एन.बी. के साथ हजारों करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की थी। अब नए घोटाले में चंदावत पर आरोप हैं कि उन्होंने करीब 2 करोड़ रुपए के मुद्रा लोन की राशि को प्राइवेट खातों में ट्रांसफर करवा लिया है।

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