Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 03:10 PM
गणपति बप्पा को घर लाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। गणेश चतुर्थी के मौके पर लोग जमकर शॉपिंग कर रहे हैं
नई दिल्लीः गणपति बप्पा को घर लाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। गणेश चतुर्थी के मौके पर लोग जमकर शॉपिंग कर रहे हैं और जीएसटी और नोटबंदी का खास असर दिखाई नहीं दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ मंडल आयोजकों ने गणपति बप्पा का भारी भरकम बीमा कराया है।
गणेश चतुर्थी के रंग में पूरा देश रंग चुका है और इसी के साथ बड़े बड़े मंडलों ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस बार मंडलों ने इस बात का पुरा ध्यान रखा है कि वो किसी भी तरह की दुर्घटना के लिए पुरी तरह से तैयार रहें इसलिए मंडलों ने इस बार भारी भरकम बीमा कराया है।
लोगों ने करवाया बप्पा का बीमा
उदाहरण के तौर पर मुंबई के सबसे अमीर गणपति मंडल जीएसबी सेवा मंडल ने 264 करोड़ रुपए का बीमा कराया है। जबकि मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा का बीमा 51 करोड़ रुपए में किया गया है।
अगर और मंडलों की बात करें तो गणेश गली के मंडल ने 7 करोड़ रुपए का बीमा कराया है जबकि भायंदर में 74 लाख का और बाइकला में गणपति मंडल ने 70 लाख रुपये का बीमा कराया गया है। अगर बिमा कंपनियों कि बात करे तो उनका कहना है कि इस बार अधिक मंडलों ने बिमा लिया है।
जी.एस.टी. की वजह से खर्च पिछले 25 फीसदी बढ़ा
मंडलों के आयोजकों का कहना है कि जी.एस.टी. की वजह से इस बार गणपति मंडल का खर्च पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ा है ।गणेश मूर्ति बनाने वालों के मुताबिक जीएसटी की वजह से इको फ्रेंडली मूर्तियों की मांग बढ़ी है। क्योंकि आम तौर पर मूर्तियों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस, पेंट और वार्निश जैसे सामान के दाम बढ़े हैं । जिसके चलते इन मूर्तियों के दाम बढ़ गए हैं। लेकिन इको फ्रेंडली मूर्तियों के दाम पर असर नहीं पड़ा है।