GDP आंकड़ों में गिरावट क्षणिक नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 07:16 PM

gdp data decline is not transient

देश की जी.डी.पी. वृद्धि में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिरावट अपेक्षित थी लेकिन आंकड़ों में आई ‘निर्बाध गिरावट’

नई दिल्ली: देश की जी.डी.पी. वृद्धि में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिरावट अपेक्षित थी लेकिन आंकड़ों में आई ‘निर्बाध गिरावट’ दिखाती है कि यह समस्या ‘सामयिक नहीं बल्कि संरचनात्मक’ है। एस.बी.आई. की अनुसंधान रिपोर्ट इकोरेप में यह निष्कर्ष निकाला गया है। भारत की आॢथक वृद्धि दर अप्रैल-जून की तिमाही में 3 साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई। यह विनिर्माण गतिविधियों में नरमी के बीच जी.एस.टी. के कार्यान्वयन को लेकर अनिश्चितता से हुई दिक्कतों को रेखांकित करती है।

रिपोर्ट में विशेष रूप से वृद्धि पर जी.एस.टी. के नकारात्मक असर को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि जी.एस.टी. से पहले विनिर्माण खंड में माल निकाले जाने व इसके जी.डी.पी. पर असर को लेकर खूब चर्चा हो रही थी लेकिन उपभोक्ता व निवेश केंद्रित क्षेत्रों में तो माल निकासी 2016-17 में पहले ही जोर पकड़ रही थी। रिपोर्ट में 1695 सूचीबद्ध फर्मों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कहा गया है कि 2016-17 में पहले ही नरमी थी जिसमें कंपनियों ने अपने मौजूदा भंडार को निकालने पर जोर दिया। इसमें कहा गया है कि 2016-17 में सामान्य नरमी व अनिश्चित माहौल से निवेश केंद्रित क्षेत्रों पर अधिक असर पड़ा। वहीं उपभोक्ता केंद्रित क्षेत्र नोटबंदी के कारण प्रभावित हुए।

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