Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 02:42 PM
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल से नवंबर के बीच 4.8% गिरा है। यह घटकर 22.43 अरब डॉलर रहा है। इसकी प्रमुख वजह अमरीका समेत अन्य प्रमुख बाजारों में मांग का कम रहना है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल समान अवधि...
नई दिल्लीः देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल से नवंबर के बीच 4.8% गिरा है। यह घटकर 22.43 अरब डॉलर रहा है। इसकी प्रमुख वजह अमरीका समेत अन्य प्रमुख बाजारों में मांग का कम रहना है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 23.56 अरब डॉलर था।
बड़े स्तर पर रोजगार मुहैया कराने वाले इस क्षेत्र की देश के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 14% है। उद्योग विशेषज्ञों ने निर्यात बढ़ाने को लेकर एम.ई.आई.एस. के तहत सहायता की मांग की है। नाम नहीं बताने के इच्छुक जी.जे.ई.पी.सी. के एक अधिकारी का कहना है कि हमने एम.ई.आई.एस. के तहत सहायता और जीएसटी वापसी से जुड़ी समस्याओं के तुरंत समाधान की मांग की है। जी.एस.टी. के कारण पूंजी फंसने से निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
जीएसटी लागू होने से पटरी से उतरे चमड़ा और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों को सरकार ने पांच दिसंबर को सहायता देने की घोषणा की है। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2017-18 के बीच सोने के गहनों का निर्यात 3.18 प्रतिशत गिरकर 6 अरब डॉलर रह गया है। सोने के सिक्कों के व्यापार में भी 50 फीसद की गिरावट आयी है। हालांकि, चांदी के गहनों के निर्यात में इस अवधि में 18.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वह करीब तीन अरब डॉलर रहा।