सुस्ती का दौर खत्म, धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही सोने की बिक्री

Edited By ,Updated: 12 Dec, 2016 02:04 PM

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नोटबंदी के बाद सुस्त पड़ी सोने की बिक्री धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। 8 नवंबर के बाद सोने की बिक्री 75-80 फीसदी तक घट गई थी। जूलरों और व्यापारियों ने बताया कि महानगरों

कोलकाताः नोटबंदी के बाद सुस्त पड़ी सोने की बिक्री धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। 8 नवंबर के बाद सोने की बिक्री 75-80 फीसदी तक घट गई थी। जूलरों और व्यापारियों ने बताया कि महानगरों और छोटे शहरों में लोग सोने की गिरती कीमतों का फायदा उठाने के लिए डिजिटल लेन-देन के जरिए इसकी खरीदारी कर रहे हैं। 8 नवंबर के बाद से सोने की कीमतों में 11 फीसदी तक की गिरावट हो चुकी है।

सबसे अहम बात यह है कि सोने के व्यापार से जुड़े कारीगर भी अब धीरे-धीरे काम पर लौटने लगे हैं, जिन्हें ऑर्डर नहीं रहने के कारण घर भेज दिया गया था। ऑल इंडिया जेम ऐंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) श्रीधर जी वी ने बताया, 'इस महीने के शुरू से अब तक गोल्ड सेल्स में 45-50 फीसदी की रिकवरी हो चुकी है और उपभोक्ताओं एनईएफटी, आर.टी.जी.एस., ऑनलाइन लेन-देन, डैबिट और क्रैडिट कार्ड्स के जरिए सोना खरीद रहे हैं।'

सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर सोना वैध पैसे से खरीदा जाता है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे भी उपभोक्ताओं में भरोसा लौटा है। श्रीधर जी वी के मुताबिक, 'ट्रेड संस्था के तौर पर हमने सभी आभूषण व्यापारियों और ग्राहकों से कैशलेस होने का अनुरोध किया है, क्योंकि इसमें कोई झंझट नहीं है।' देश के गोल्ड ट्रेड से सीधे तौर पर 1 करोड़ कारीगर जुड़े हैं, जबकि अप्रत्यक्ष तरीके से 2 करोड़ लोगों को इससे रोजगार मिलता है। 

नोटबंदी की घोषणा के बाद नवंबर के आखिर तक सोने का बिजनैस 75-80 फीसदी तक डाउन हो गया था। इसके अलावा, जूलर्स को टैक्स विभाग के छापों का डर भी सता रहा है, जिससे मार्कीट का मूड और ठंढा हो गया था। इंडियन बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन (आईबीजेए) के सुरेंद्र मेहता ने बताया, 'इनकम डिपार्टमेंट के छापों की आशंका उन जूलर्स को अब भी सता रही है जिन्होंने 8 नवंबर के बाद 500 और 1,000 के पुराने नोटों के बदले बिक्री की थी। हालांकि, जिन्होंने पारदर्शिता का सहारा लिया है, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है और उनका बिजनैस धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगा।'

मेहता के मुताबिक, वेतनभोगी मध्यम वर्ग ने फिर से सोने में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, 'छोटे शहरों के जूलर्स से मिल रही मांग को लेकर आ रही खबरों से साफ है कि सेल्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू भी कर दी है। जनवरी के मध्य में होने वाले पोंगल के बाद देश के ग्रामीण इलाकों में सोने की खरीदारी तेज होने की उम्मीद है। उस वक्त तक करंसी की सप्लाई भी बढ़ सकती है।'
 

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