Edited By ,Updated: 17 Jul, 2016 04:15 PM
सरकार ने चालू खाता घाटा कम करने और सोने की मांग गिराने के लिए स्वर्ण बांड योजना की चौथी श्रृंखला घोषित करते हुए न्यूनतम निवेश की मात्रा घटाकर एक ग्राम सोना कर दिया है।
नई दिल्लीः सरकार ने चालू खाता घाटा कम करने और सोने की मांग गिराने के लिए स्वर्ण बांड योजना की चौथी श्रृंखला घोषित करते हुए न्यूनतम निवेश की मात्रा घटाकर एक ग्राम सोना कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने आज यहां स्वर्ण बांड (सोवरेन गोल्ड बांडस) की चौथी श्रृंखला की घोषणा कर दी। यह आम नागरिकों और संस्थागत निवेशकों के लिए 18 से 22 जुलाई तक खुली रहेगी।
मिलेगा 2.75 फीसदी का ब्याज
इन बांड को सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी कर रहा है। ये बांड एक ग्राम सोने और उसके मल्टीपल के हिसाब से जारी किए जाएंगे। ये बांड 8 साल के लिए होंगे, वहीं 5 साल के बाद एग्जिट ऑप्शन होगा। बांड में निवेश के लिए न्यूनतम सीमा 1 ग्राम है वहीं कोई भी किसी भी साल के लिए 500 ग्राम मूल्य से ज्यादा के बांड में निवेश नहीं कर सकता। इन बांड पर निवेशक को निवेश के वक्त की कीमत पर 2.75 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
3119 रुपए तय हुआ बांड का प्राइस
बांड का इश्यू प्राइस 3119 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है। हाल ही में गोल्ड बांड के लिए एन.एस.ई. ने ऑनलाइन बिडिंग प्लेटफॉर्म लांच किया है। देश में अब तक तीन चरणों में 1322 करोड़ रुपए के गोल्ड बांड जारी किए जा चुके हैं।
गोल्ड बांड के क्या हैं फायदे
स्कीम के तहत 5 ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम और 500 ग्राम तक सोने के बदले बांड 5 से 7 साल तक के लिए ले सकते हैं। इस स्कीम का फायदा यह है कि गोल्ड बांड के लिए किसी तरह की ट्रांजैक्शन फीस देने की जरूरत नहीं होगी।
जब बांड आप वापस करेंगे तो उस समय के गोल्ड रेट के हिसाब से आपको रिटर्न मिलेगा। साथ ही इन्वेस्टमेंट करते समय जो रेट रहा होगा, उस पर ब्याज भी मिलेगा। प्रधानमंत्री ने 5 नवंबर को यह स्कीम लांच की थी, जिसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना था।